अरबपति गौतम अडाणी और उनका परिवार समूह की हरित ऊर्जा इकाई में 9,350 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बना रहा है ताकि कंपनी वर्ष 2030 तक 45 गीगावाट क्षमता का लक्ष्य हासिल कर सके।
अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने मंगलवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि कंपनी में 9,350 करोड़ रुपये का यह निवेश ‘उधारी चुकाने और त्वरित पूंजीगत व्यय के लिए किया जाएगा।’
हरित ऊर्जा के क्षेत्र में सक्रिय कंपनी के पास पहले से ही 19.8 गीगावाट की क्षमता और संसाधन-संपन्न इलाके में दो लाख एकड़ से अधिक भूमि (40 गीगावॉट से अधिक की अतिरिक्त क्षमता के बराबर) का बिजली खरीद समझौता (पीपीए) है।
कंपनी ने वर्ष 2030 तक 45 गीगावाट हरित ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य तय किया हुआ है। उसके निदेशक मंडल ने प्रवर्तकों को 1,480.75 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 9,350 करोड़ रुपये की राशि के तरजीही वारंट जारी करने की मंजूरी दे दी है।
तरजीही वारंट जारी करने के लिए नियामकीय एवं वैधानिक निकायों की भी मंजूरी लेनी होगी। इसके अलावा 18 जनवरी को होने वाली कंपनी की असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में भी इसपर शेयरधारकों की स्वीकृति ली जाएगी।
अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) ने पहले गुजरात के खावड़ा में स्थित देश के सबसे बड़े सौर पार्क में 2,167 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए आठ प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बैंकों द्वारा 1.36 अरब डॉलर की निर्माण सुविधा लगाने की घोषणा की थी।
इसके अलावा एजीईएल ने 1.42 अरब डॉलर की इक्विटी पूंजी (प्रवर्तकों के तरजीही आवंटन से 1.12 अरब डॉलर और टोटलएनर्जीज जेवी से 30 करोड़ डॉलर) की घोषणा की थी। यह तीन अरब डॉलर से अधिक की पूंजी के बराबर है।
कंपनी ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा, ”यह एजीईएल के लक्ष्य के लिए दीर्घकालिक निवेशकों, रणनीतिक साझेदारों, वित्तीय संस्थानों और बैंकों के साथ प्रवर्तक की सतत प्रतिबद्धता के साथ गहरी दिलचस्पी को दर्शाता है।”
– एजेंसी