आज की अनहेल्दी लाइफस्टाइल और बिगड़े खान-पान की वजह से कई गंभीर बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी इनका शिकार हो रही हैं। खासकर महिलाओं में पीसीओडी के बाद अब एक और चिंता बढ़ा रही है — बच्चेदानी में गांठ यानी ओवेरियन सिस्ट।
ओवरी महिलाओं के प्रजनन तंत्र का अहम हिस्सा होती है, जो अंडाणु और हार्मोन (एस्ट्रोजन व प्रोजेस्ट्रोन) का निर्माण करती है। लेकिन जब ओवरी में फॉलिकल का आकार असामान्य रूप से बढ़ने लगता है, तो उसे ओवेरियन सिस्ट कहा जाता है।
⚠️ ओवेरियन सिस्ट के लक्षण क्या हैं?
अगर आपकी ओवरी में सिस्ट बन रही है, तो शरीर कुछ संकेत देने लगता है। इन्हें नज़रअंदाज़ न करें:
पेट में सूजन या भारीपन
पीठ, जांघ या पेट के निचले हिस्से में दर्द
मासिक धर्म से पहले या बीच में तेज दर्द
टॉयलेट करते समय दर्द
यौन संबंध बनाते समय तकलीफ
स्तनों में दर्द या अकड़न
चक्कर आना, बुखार या सांस फूलना
मतली या जी मिचलाना
🧬 ओवेरियन सिस्ट के कारण
महिलाओं की ओवरी हर महीने एक अंडाणु का निर्माण करती है। लेकिन कई बार पीरियड्स के बाद भी फॉलिकल ठीक से नहीं फटता और बढ़ता चला जाता है, जिससे सिस्ट बन जाती है।
सामान्यतः ये सिस्ट कुछ हफ्तों या महीनों में खुद ही ठीक हो जाती हैं, लेकिन अगर दर्द बढ़ता है या सिस्ट बार-बार बन रही है, तो डॉक्टर से परामर्श ज़रूरी होता है।
🌿 बचाव के आसान और प्राकृतिक उपाय
आप अपनी दिनचर्या में छोटे-छोटे बदलाव कर इस समस्या से काफी हद तक बच सकती हैं:
रोज़ाना योग और प्राणायाम करें, खासकर पवनमुक्तासन, भुजंगासन और अनुलोम-विलोम।
प्रोटीन युक्त और संतुलित आहार लें।
ज्यादा से ज्यादा फाइबर वाले फल जैसे सेब, अमरूद, पपीता खाएं।
हरी पत्तेदार सब्जियाँ अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
भरपूर पानी पिएं – दिन में कम से कम 2.5 से 3 लीटर।
प्रोसेस्ड और बाहर के तले-भुने खाने से परहेज करें।
देर रात तक जागने से बचें और अच्छी नींद लें।
✅ निष्कर्ष
ओवेरियन सिस्ट की समस्या आम होती जा रही है, लेकिन समय रहते सही जानकारी, जीवनशैली में सुधार और नियमित चेकअप से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। शरीर के संकेतों को नज़रअंदाज़ न करें और ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।
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