शुगर को कहें बाय-बाय: हेल्दी लाइफ के लिए अपनाएं ये 5 उपाय

मधुमेह एक तेजी से फैलती हुई बीमारी है जो दुनियाभर के करोड़ों लोगों को अपनी चपेट में ले चुकी है। भारत में ही करीब 10 करोड़ (100 मिलियन) लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। चौंकाने वाली बात ये है कि इनमें से आधे लोगों को इस बीमारी का पता तक नहीं होता। एक रिपोर्ट के अनुसार, 20 वर्ष की उम्र में डायबिटीज शुरू हो रही है और युवा वर्ग भी तेजी से इसका शिकार बन रहा है।

डायबिटीज को गंभीरता से लेना बेहद जरूरी है, क्योंकि समय रहते कंट्रोल न करने पर यह हृदय रोग, किडनी फेलियर, आंखों की रोशनी कम होने और अन्य जटिल बीमारियों का कारण बन सकता है।

डायबिटीज के प्रकार
टाइप-1 डायबिटीज:
यह तब होता है जब शरीर की इम्यून सिस्टम खुद अपनी इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं पर हमला कर देती है। इसमें शरीर खुद से इंसुलिन नहीं बना पाता।

टाइप-2 डायबिटीज:
इसमें शरीर इंसुलिन तो बनाता है, लेकिन वह पर्याप्त मात्रा में नहीं होता या शरीर उसे सही से उपयोग नहीं कर पाता। यह प्रकार सबसे ज़्यादा आम और खतरनाक होता है।

गर्भावधि डायबिटीज:
यह समस्या प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में पाई जाती है, जिसमें शरीर में इंसुलिन उत्पादन असामान्य हो जाता है।

डायबिटीज से बचाव और नियंत्रण के उपाय
1. स्वस्थ आहार लें (Healthy Diet)
लो फैट डेयरी, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, और लो कैलोरी डाइट को भोजन में शामिल करें।

मीठा, प्रोसेस्ड फूड और तली-भुनी चीजों से दूरी बनाएं।

2. नियमित व्यायाम करें (Physical Activity)
हर दिन कम से कम 30 मिनट वॉक या योग करें।

शरीर को सक्रिय रखने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है।

3. शुगर लेवल मॉनिटरिंग करें (Regular Monitoring)
समय-समय पर ब्लड शुगर की जांच करें, ताकि किसी भी गड़बड़ी को समय पर पकड़ा जा सके।

टाइप-1 डायबिटीज वालों को रोजाना मॉनिटरिंग ज़रूरी है।

4. वजन नियंत्रित रखें (Weight Management)
मोटापा डायबिटीज का मुख्य कारण है। वजन बढ़ने से इंसुलिन का असर कम होता है।

वजन घटाने के लिए खानपान में संतुलन और नियमित व्यायाम जरूरी है।

5. मेथी के पानी का सेवन करें
रात में एक चम्मच मेथी के बीज को एक गिलास पानी में भिगो दें।

सुबह खाली पेट इसे पिएं। यह प्राकृतिक तरीका शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है।

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