मई का महीना आते ही गर्मी बढ़ने लगती है और इस समय का तापमान ऐसा होता है कि आने वाले महीनों में गर्मी के हालात और भी खराब हो सकते हैं। खासकर मई और जून का महीना लू के मामले में सबसे कठिन होता है, जब चिलचिलाती धूप और गर्म हवाएं सेहत के लिए बेहद हानिकारक हो सकती हैं। लू लगने की समस्या, जिसे हीट स्ट्रोक भी कहा जाता है, इस मौसम में लोगों को परेशान कर सकती है।
अगर समय रहते इसका इलाज नहीं किया जाए, तो यह समस्या गंभीर हो सकती है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है, गर्म हवाएं भी तीव्र होती जाती हैं। सुबह 11 बजे से लेकर शाम 3 बजे तक बाहर निकलने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है और डिहाइड्रेशन की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है। इस दौरान लू से बचने के लिए कुछ संकेत और उपाय जानना जरूरी है।
लू लगने के संकेत:
ज्यादा पसीना आना या बिल्कुल पसीना न आना:
जब शरीर का तापमान कंट्रोल से बाहर हो जाता है, तो पसीना आना रुक सकता है।
बेहोशी या चक्कर आना:
अगर चलते-चलते सिर चकराने लगे या कमजोरी महसूस हो, तो यह लू के संकेत हो सकते हैं।
तेज बुखार:
शरीर का तापमान 104°F या उससे अधिक हो जाए, तो यह लू का संकेत है।
तेज धड़कन और तेज सांस लेना:
अगर दिल की धड़कन बढ़ जाए और सांसें तेज चलने लगें, तो यह भी लू का संकेत हो सकता है।
चेहरे का लाल या सूजा हुआ दिखना:
चेहरा लाल हो जाना, स्किन का सूजना और सूखा-सूखा महसूस होना लू का संकेत है।
मांसपेशियों में ऐंठन आना:
गर्मी की वजह से मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है, खासकर पैरों में। यह पानी की कमी से भी होता है।
थकान और कमजोरी:
बिना किसी काम के भी थकान महसूस होना और कमजोरी का आना लू का संकेत हो सकता है।
लू से बचाव के उपाय:
भरपूर पानी पिएं:
दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है। इसके अलावा नारियल पानी, नींबू पानी और ओआरएस का घोल भी पिएं।
हल्के और ढीले कपड़े पहनें:
हल्के रंग के और ढीले कपड़े पहनें, ताकि शरीर को हवा मिल सके और पसीना जल्दी सूख सके। टाइट कपड़े पहनने से बचें।
धूप से बचें:
सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच धूप में बाहर न निकलें। अगर बाहर जाना जरूरी हो, तो सिर को ढक कर जाएं और छाया में रहकर आराम करें।
धूप में काम न करें:
अगर बाहर काम करना जरूरी हो, तो बीच-बीच में ठंडी जगह पर आराम करें।
घर के वातावरण में ठंडक बनाए रखें:
घर में एसी, पंखा या कूलर का इस्तेमाल करें। अगर ये संभव न हो, तो ठंडे पानी से नहाएं या ठंडे पानी की पट्टियां रखें।
फल और सब्जियां खाएं:
तरबूज, खीरा, संतरा जैसे पानी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं। ये शरीर को ठंडा रखने में मदद करते हैं।
कैफीन और अल्कोहल से बचें:
कैफीन और अल्कोहल युक्त पेय पदार्थों से बचें क्योंकि ये शरीर को डिहाइड्रेट कर सकते हैं।
लू लगने पर इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें। तुरंत आराम करें और पानी पिएं। अगर लक्षण गंभीर हो जाएं, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें।
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