डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसे पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन समय रहते इसके लक्षणों को पहचानकर इसे काबू में जरूर किया जा सकता है। यह बीमारी अक्सर वंशानुगत (जेनेटिक) होती है, यानी अगर आपके माता-पिता या परिवार के किसी सदस्य को डायबिटीज रही है, तो आपके लिए भी यह खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा गलत जीवनशैली, अत्यधिक तनाव, और अनहेल्दी डाइट भी डायबिटीज की वजह बन सकती हैं। हालांकि दवा के बजाय इसे संतुलित खानपान और हेल्दी लाइफस्टाइल से नियंत्रण में रखा जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि आप इसके प्रारंभिक लक्षणों को समय पर पहचानें।
⚠️ डायबिटीज के संभावित शुरुआती संकेत:
🔹 गर्दन और अंडरआर्म की त्वचा का काला पड़ना
यदि इन हिस्सों की त्वचा असामान्य रूप से काली और मोटी दिखाई दे, तो यह शरीर में बढ़ते इंसुलिन लेवल का संकेत हो सकता है।
🔹 गर्दन के पास मस्सों का उभरना
गर्दन या गर्दन के आसपास छोटे-छोटे मस्से दिखना प्री-डायबिटीज का लक्षण हो सकता है।
🔹 पीसीओएस की समस्या
महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) होना भी डायबिटीज से जुड़ा एक संकेत हो सकता है।
🔹 हाथों में झनझनाहट
लगातार हाथों में झनझनाहट या सुई चुभने जैसा महसूस होना, नर्व डैमेज की शुरुआत हो सकती है जो प्री-डायबिटीज का लक्षण है।
🔹 एड़ियों में सूजन आना
पैरों, खासकर एड़ियों में सूजन आना भी ब्लड शुगर लेवल में गड़बड़ी का संकेत हो सकता है।
🔹 थकान और कमजोरी महसूस होना
बिना मेहनत के भी अगर लगातार थकान और कमजोरी महसूस हो रही है, तो ये शरीर में शुगर मेटाबॉलिज्म के असंतुलन का संकेत हो सकता है।
🔹 मीठा खाने की इच्छा बढ़ना
हर समय मीठा खाने का मन करना भी ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव का संकेत है, जो प्री-डायबिटिक अवस्था की ओर इशारा करता है।
📝 अब क्या करें?
अगर इनमें से कोई भी लक्षण लगातार दिखे तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। साथ ही खानपान सुधारे, नियमित व्यायाम करें, और तनाव से दूरी बनाए रखें। समय रहते सतर्कता ही डायबिटीज पर जीत का पहला कदम है।
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