आजकल माइग्रेन की समस्या तेजी से बढ़ रही है। यह एक ऐसा सिरदर्द है, जो सिर के एक हिस्से में बेहद तेज दर्द के रूप में महसूस होता है और प्रभावित क्षेत्र में धड़कन की तरह महसूस होता है। इससे आंखें खोलना तक मुश्किल हो जाता है और किसी भी प्रकार की रोशनी से तेज चुभन महसूस होने लगती है। इसके साथ-साथ तीव्र सिरदर्द, उल्टी, और तेज आवाजों को सहन न कर पाना जैसे लक्षण होते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह दर्द 2 से 72 घंटे तक रह सकता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में माइग्रेन की समस्या अधिक पाई जाती है। आइए जानते हैं इसके कारण और इससे बचने के उपाय।
माइग्रेन क्या है?
माइग्रेन एक गंभीर सिरदर्द की समस्या है, जो सिर के एक हिस्से से शुरू होती है। इसके साथ-साथ उल्टी और चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण भी महसूस होते हैं। यह एक आम सिरदर्द समस्या है, जो लगभग 15% आबादी को प्रभावित करती है। माइग्रेन से पीड़ित लोगों के परिवारों में इसका इतिहास अक्सर होता है, और पीरियड्स के दौरान यह समस्या और भी बढ़ सकती है।
किन्हें अधिक होता है माइग्रेन?
माइग्रेन का कारण शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं। खासकर, वे महिलाएं जो हार्मोनल गोलियां या कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का इस्तेमाल करती हैं, उन्हें माइग्रेन का अधिक जोखिम होता है। शरीर में एस्ट्रोजन (Estrogen) हार्मोन माइग्रेन की वजह बनता है।
महिलाओं में माइग्रेन का अधिक खतरा
दुनिया भर में 18 से 49 साल की उम्र की महिलाओं में माइग्रेन की समस्या ज्यादा पाई जाती है। पुरुषों की तुलना में महिलाएं इस समस्या से अधिक प्रभावित होती हैं।
माइग्रेन से कैसे बचें?
माइग्रेन से बचने के लिए एक स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए। इसके अलावा जंक फूड्स और तैलीय भोजन से बचना चाहिए। हेल्दी डाइट के साथ-साथ अत्यधिक रोशनी और तेज आवाजों से बचें। 7-8 घंटे की भरपूर नींद भी माइग्रेन के जोखिम को कम करती है। इसके अलावा, रोजाना योग और वर्कआउट करने से भी माइग्रेन के खतरे से बचा जा सकता है।
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