जिस तरह 12 से 14 साल की उम्र में लड़कियों को पीरियड्स आना सामान्य है, वैसे ही 40 से 45 साल की उम्र के बाद महिलाओं में मेनोपॉज होना एक नेचुरल प्रोसेस है। यह हर महिला के जीवन का एक महत्वपूर्ण चरण है, लेकिन इसके कारण कई शारीरिक और मानसिक परेशानियां हो सकती हैं। इसमें नींद न आना, थकान, मूड स्विंग्स, वजन बढ़ना और अन्य लक्षण देखने को मिल सकते हैं। आइए जानते हैं मेनोपॉज के संकेत, इससे बचाव के उपाय और हेल्थ एक्सपर्ट की राय।
हेल्थ एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
डॉक्टरों के अनुसार, मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण महिलाओं के शरीर और मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यह बदलाव कई तरह के लक्षणों को जन्म दे सकते हैं, लेकिन अगर सही डाइट और लाइफस्टाइल फॉलो की जाए, तो इसके प्रभावों को कम किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि महिलाएं अपनी दिनचर्या में कुछ हेल्दी बदलाव करें और पौष्टिक आहार लें।
मेनोपॉज के शुरुआती संकेत
अगर आप 40+ हैं और ये लक्षण नजर आ रहे हैं, तो यह मेनोपॉज की शुरुआत हो सकती है:
अनियमित पीरियड्स या स्पॉटिंग
यूरिनरी लीकेज या स्ट्रेस यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस
बिना कारण वजन बढ़ना
नींद न आना या अनिद्रा की समस्या
स्तनों में कोमलता और संवेदनशीलता बढ़ना
योनि में सूखापन और बदलाव
अगर इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।
मेनोपॉज से बचाव और हेल्दी रहने के टिप्स
1. हाइड्रेटेड रहें
शरीर की सही फंक्शनिंग के लिए हाइड्रेटेड रहना बहुत जरूरी है।
दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
नींबू पानी और नारियल पानी को डाइट में शामिल करें।
2. हेल्दी फूड्स का सेवन करें
अगर आप मेनोपॉज के लक्षणों को कम करना चाहती हैं, तो अपनी डाइट में ये चीजें जरूर शामिल करें:
हरी सब्जियां, ताजे फल, साबुत अनाज और लीन मीट
विटामिन D और कैल्शियम से भरपूर चीजें (दूध, दही, पनीर, बादाम, सोया उत्पाद)
ज्यादा मीठा, जंक फूड और कैफीन से बचें
3. नियमित एक्सरसाइज करें
शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से मेनोपॉज के लक्षणों को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
कार्डियो एक्सरसाइज करें, जैसे – वॉकिंग, साइकलिंग, योग और एरोबिक्स।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज को भी अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
योग और मेडिटेशन से मानसिक शांति मिलेगी और मूड बेहतर रहेगा।
4. स्ट्रेस मैनेजमेंट करें
मेनोपॉज के दौरान मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन आम समस्या है। इसके लिए:
रोजाना 10-15 मिनट मेडिटेशन करें।
अच्छी किताबें पढ़ें और म्यूजिक सुनें।
सोशल एक्टिविटीज में हिस्सा लें और अपने दोस्तों व परिवार के साथ समय बिताएं।
5. रेगुलर हेल्थ चेकअप कराएं
मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को हार्मोनल असंतुलन, हड्डियों की कमजोरी और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
रेगुलर ब्लड टेस्ट और बोन डेंसिटी टेस्ट कराएं।
डॉक्टर से समय-समय पर परामर्श लें।
निष्कर्ष
मेनोपॉज एक नेचुरल प्रोसेस है, जिसे हर महिला को अनुभव करना पड़ता है। हालांकि, हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर और सही डाइट लेकर इसके लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। अगर आप इन लक्षणों को महसूस कर रही हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि समय रहते खुद का ख्याल रखना शुरू करें।
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