नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के आंकड़ों के अनुसार, शहरी भारत में 33% और ग्रामीण भारत में 25% लोग हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हैं। चिंता की बात यह है कि 42% शहरी और 25% ग्रामीण मरीजों को पता ही नहीं कि उन्हें यह बीमारी है। इसकी वजह यह है कि हाई बीपी के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं, और अक्सर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। इसीलिए इसे “साइलेंट किलर” कहा जाता है।
सबसे ज्यादा डराने वाली बात यह है कि अब यह बीमारी 25 से 40 साल की उम्र के युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही है। आखिर क्यों युवा इतनी कम उम्र में हाई बीपी का शिकार हो रहे हैं? इस पर हमने AIIMS, नई दिल्ली के मेडिसिन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल से बातचीत की।
युवाओं में हाई बीपी क्यों बढ़ रहा है?
डॉ. निश्चल के अनुसार, युवाओं में हाई ब्लड प्रेशर के मामले तेजी से बढ़ने के पीछे कई कारण हैं:
🛑 1. खराब लाइफस्टाइल:
🔹 देर रात तक जागना और नींद पूरी न लेना।
🔹 ज्यादा स्क्रीन टाइम (मोबाइल-लैपटॉप का अधिक इस्तेमाल)।
🍔 2. गलत खानपान:
🔹 प्रोसेस्ड और फास्ट फूड की बढ़ती आदतें।
🔹 तले-भुने और ज्यादा नमक वाले भोजन का सेवन।
🔹 कोल्ड ड्रिंक्स और शुगर युक्त ड्रिंक्स की अधिकता।
🏋️♂️ 3. एक्सरसाइज की कमी:
🔹 लोग शारीरिक गतिविधियों से दूर हो रहे हैं।
🔹 दिनभर बैठकर काम करने की आदत।
😰 4. मानसिक तनाव और चिंता:
🔹 करियर और आर्थिक दबाव के कारण स्ट्रेस बढ़ रहा है।
🔹 तनाव की वजह से ब्लड प्रेशर असंतुलित हो जाता है।
🚬 5. धूम्रपान और शराब:
🔹 युवाओं में धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन बढ़ा है।
🔹 इससे धमनियां संकरी हो जाती हैं और बीपी बढ़ जाता है।
⚖️ 6. मोटापा और जेनेटिक कारण:
🔹 बढ़ता वजन हाई बीपी की मुख्य वजहों में से एक है।
🔹 परिवार में अगर किसी को हाई बीपी है, तो अगली पीढ़ी में इसका खतरा ज्यादा होता है।
हाई बीपी के लक्षण – इसे साइलेंट किलर क्यों कहा जाता है?
डॉ. निश्चल बताते हैं कि हाई बीपी धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाता है और जब तक यह गंभीर न हो जाए, तब तक इसके लक्षण नहीं दिखते। लेकिन कुछ संकेतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए:
🔹 सिरदर्द, खासकर सुबह के समय।
🔹 चक्कर आना या धुंधला दिखना।
🔹 छाती में दर्द या भारीपन।
🔹 थकान और सांस लेने में परेशानी।
🔹 अचानक नाक से खून आना।
👉 अगर इन लक्षणों में से कोई भी दिखे, तो तुरंत ब्लड प्रेशर चेक कराएं।
क्या हाई बीपी की दवा हमेशा खानी पड़ती है?
यह सबसे बड़ा सवाल है जो हर हाई बीपी के मरीज के मन में आता है। डॉ. निश्चल बताते हैं कि हर मरीज को उम्रभर दवा खाने की जरूरत नहीं पड़ती, अगर वह अपनी लाइफस्टाइल में सुधार करे।
✅ अगर आप यह आदतें अपनाते हैं, तो बीपी की दवाओं से छुटकारा मिल सकता है:
✔ संतुलित आहार लें – कम नमक, ज्यादा फाइबर और पोषक तत्वों वाला खाना खाएं।
✔ नियमित एक्सरसाइज करें – योग, वॉक और कार्डियो व्यायाम करें।
✔ तनाव कम करें – मेडिटेशन और गहरी सांस लेने की तकनीक अपनाएं।
✔ धूम्रपान और शराब छोड़ें।
✔ नींद पूरी करें – हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की अच्छी नींद लें।
⚠ लेकिन ध्यान रखें कि डॉक्टर की सलाह के बिना दवा न छोड़ें।
ब्लड प्रेशर की नॉर्मल रेंज क्या होनी चाहिए?
हाई बीपी को अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है:
📊 ब्लड प्रेशर की रेंज:
स्तर सिस्टोलिक (ऊपरी) mmHg डायस्टोलिक (निचला) mmHg
नॉर्मल 120 से कम 80 से कम
बढ़ा हुआ बीपी 120-129 80 से कम
स्टेज 1 हाई बीपी 130-139 80-89
स्टेज 2 हाई बीपी 140 या अधिक 90 या अधिक
अगर आपका बीपी 130/80 mmHg से ऊपर है, तो इसे गंभीरता से लें और तुरंत लाइफस्टाइल में बदलाव करें।
निष्कर्ष:
हाई ब्लड प्रेशर सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी नहीं है, यह अब युवाओं को भी तेजी से शिकार बना रहा है।
👉 अगर सही समय पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
👉 इसलिए, अपनी लाइफस्टाइल सुधारें, हेल्दी डाइट अपनाएं और नियमित एक्सरसाइज करें।
👉 अगर बीपी हाई है, तो डॉक्टर से परामर्श लें और समय-समय पर ब्लड प्रेशर की जांच करवाएं।
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