हार्ट डिजीज और हाई ब्लड प्रेशर (BP) के मरीजों को केवल दवाइयों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में भी जरूरी बदलाव करने चाहिए। ये दोनों मेडिकल कंडीशंस आपस में जुड़ी होती हैं, इसलिए अगर एक पर ध्यान न दिया जाए तो दूसरे पर भी इसका असर दिखने लगता है।
नमक हमारे खाने का अहम हिस्सा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही नमक दिल के मरीजों और हाई बीपी के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है? हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि ज्यादा नमक का सेवन हार्ट हेल्थ के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकता है।
तो आखिर क्यों नमक हानिकारक है और इसका सही विकल्प क्या है? आइए जानते हैं।
🩺 क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
WHO के अनुसार, हार्ट डिजीज के मामलों में हाई ब्लड प्रेशर का बड़ा योगदान होता है। जब ब्लड प्रेशर असंतुलित होता है, तो दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
अधिक मात्रा में नमक खाने से शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे ब्लड प्रेशर अनियंत्रित हो सकता है। खासतौर पर जो आम नमक हम रोजाना खाते हैं, उसमें सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है, जो हार्ट और बीपी के मरीजों के लिए हानिकारक है।
⚠️ क्यों हानिकारक है ज्यादा नमक?
WHO के मुताबिक, हाई BP और हार्ट के मरीजों को सोडियम युक्त नमक के बजाय पोटेशियम युक्त नमक (Potassium Salt) का सेवन करना चाहिए। यह नमक शरीर में सोडियम की मात्रा को बैलेंस करता है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
WHO की गाइडलाइन्स के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को औसतन 2 ग्राम से अधिक नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
✅ पोटेशियम साल्ट के फायदे
1️⃣ ब्लड प्रेशर कंट्रोल में मददगार
पोटेशियम युक्त नमक का सेवन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है और दिल पर अतिरिक्त दबाव को कम करता है।
2️⃣ दिल की धड़कन को बनाए नियमित
यह नमक हार्ट बीट को सामान्य बनाए रखने में सहायक है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।
3️⃣ किडनी को रखे हेल्दी
पोटेशियम नमक किडनी की सेहत के लिए भी फायदेमंद है और किडनी से जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम करता है।
4️⃣ कमजोरी और थकान को दूर करे
शरीर में पोटेशियम की सही मात्रा थकान और कमजोरी को कम करती है और एनर्जी बनाए रखती है।
💡 कैसे करें नमक का सही उपयोग?
नमक का सेवन सीमित मात्रा में करें, खासतौर पर प्रोसेस्ड फूड्स से परहेज करें।
पोटेशियम रिच फूड्स जैसे केला, पालक, शकरकंद, और दही को डाइट में शामिल करें।
खाने में स्वाद बढ़ाने के लिए जड़ी-बूटियों और मसालों का उपयोग करें ताकि कम नमक में भी स्वाद बना रहे।
डॉक्टर या डाइटिशियन की सलाह से ही नमक के प्रकार और मात्रा में बदलाव करें।
🔑 अंतिम सलाह:
दिल और हाई बीपी के मरीजों के लिए नमक का सेवन बेहद सावधानी से करना चाहिए। याद रखें, कम नमक का सेवन आपके दिल को लंबी उम्र तक स्वस्थ रख सकता है। सही जानकारी और थोड़े से परहेज के साथ आप हार्ट डिजीज और हाई बीपी पर बेहतर नियंत्रण रख सकते हैं।
यह भी पढ़ें:
क्या आप भी बालों को मेंहदी से कलर करते समय करते है ये गलतियां