गठिया के मरीजों के लिए वरदान है बथुआ, जानें इसके फायदे

आज के समय में गठिया (अर्थराइटिस) एक आम समस्या बन चुकी है, जिससे न केवल बुजुर्ग बल्कि युवा भी परेशान हैं। यह बीमारी शरीर के जोड़ों में सूजन, दर्द और अकड़न का कारण बनती है, जिससे चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है और लाइफस्टाइल पर गहरा असर पड़ता है।

हालांकि, गठिया के इलाज के लिए कई तरह की दवाइयां मौजूद हैं, लेकिन कुछ घरेलू उपाय भी इस दर्द को कम करने में बेहद असरदार साबित हो सकते हैं। आइए जानते हैं डॉ. उपासना के बेहतरीन नुस्खों के बारे में, जो गठिया के मरीजों के लिए बेहद कारगर हैं।

🌿 डॉक्टर उपासना का चमत्कारी नुस्खा
डॉ. उपासना, जो दिल्ली के स्लम एरिया में लोगों को स्वास्थ्य संबंधी सलाह देती हैं, कहती हैं कि गठिया का दर्द असहनीय होता है, लेकिन बथुआ (Chenopodium album) इस दर्द से राहत दिलाने में बेहद मददगार है।

✅ बथुआ: गठिया के दर्द के लिए रामबाण
सर्दियों में आसानी से मिलने वाला बथुए का साग गठिया के मरीजों के लिए किसी औषधि से कम नहीं है। डॉ. उपासना बताती हैं कि अगर गठिया के मरीज रोजाना बथुए के पत्तों का जूस पिएं तो उन्हें काफी हद तक राहत मिल सकती है।

🌱 बथुए के फायदे:
विटामिन और मिनरल्स का खजाना: बथुए में विटामिन A, C, E के साथ आयरन, कैल्शियम और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
जोड़ों के दर्द में राहत: बथुआ मांसपेशियों को मजबूत करता है और शरीर की सूजन को कम करता है।
डिटॉक्सिफिकेशन में सहायक: यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
मैग्नीशियम, फोलिक एसिड और जिंक का स्रोत: यह पोषक तत्व हड्डियों और जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं।
🚫 गठिया के मरीजों के लिए जरूरी परहेज:
डॉ. उपासना कुछ जरूरी परहेजों की सलाह भी देती हैं, ताकि गठिया के दर्द को और अधिक बढ़ने से रोका जा सके।

आलू का सेवन कम करें: यह शरीर में सूजन बढ़ा सकता है।
मटर से परहेज: मटर खाने से गठिया के लक्षण और बढ़ सकते हैं।
बथुआ और दही साथ न खाएं: इससे पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
सरसों का साग अकेले न खाएं: इसे किसी अन्य साग के साथ मिलाकर खाना ज्यादा फायदेमंद होता है।
🌿 अन्य घरेलू उपाय:
हल्दी और अदरक: इनके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन कम करने में मदद करते हैं।
निरगुंडी और गिलोय: जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में लाभकारी हैं।
🔑 अंतिम सलाह:
गठिया का दर्द जीवन को कठिन बना सकता है, लेकिन सही आहार, परहेज और घरेलू उपायों को अपनाकर इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। बथुआ जैसे सस्ते और सरल उपाय आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

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