पेरेंट्स ने टीचर के साथ की मारपीट, बच्ची को पीटने का लगाया आरोप

तमिलनाडु के तूतीकोरिन के सरकारी स्कूल में पैरेंट्स ने एक टीचर को पीट दिया। उनका आरोप है कि टीचर ने उनकी 7 साल की बच्ची को पीटा था, जबकि टीचर ने इससे इनकार कर दिया। पुलिस ने कहा कि बच्ची ने पीटे जाने की बात झूठ कही थी। वहीं दंपती और बच्ची के दादा को गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें बच्ची के माता पिता क्लास में गए और टीचर से बहस करने लगे।

बच्चे की मां सेल्वी टीचर से कह रही है कि बच्ची को पीटना गैरकानूनी है। तुम्हें यह अधिकार किसने दिया। मैं तुम्हें अपनी चप्पलों से पीटूंगी। बहस के चलते स्कूल के अन्य टीचर्स और बच्चे इकट्ठे हो गए। इस दौरान बच्ची के पिता शिवलिंगम ने टीचर को पीटना शुरू कर दिया। दोनों में हाथापाई बहुत ज्यादा बढ़ गई। वहां मौजूद लोगों ने बच्ची के पिता को रोकने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने और टीचर को पीटते रहे।

पुलिस ने कहा कि जांच में पता चला है कि बच्ची पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे रही थी, इसलिए टीचर ने उससे सीट बदलने को कहा था। वह दूसरी सीट पर बैठने जा रही थी, तभी गिर गई। स्कूल की छुट्टी होने के बाद जब वह घर पहुंची तो उसने अपने दादा से झूठ कहा कि टीचर ने उसकी पिटाई की। दिल्ली स्कूल ऑफ एजुकेशन रूल्स 1973’ में कई ऐसे प्रावधान थे जिनमें बच्चों को अनुशासन को बनाए रखने के लिए शारीरिक सजाएं दी जा सकती थीं, लेकिन ‘दिल्ली राइट टु एजुकेशन रूल्स 2011’ में यह प्रावधान किया गया कि किसी भी बच्चे को शारीरिक सजा नहीं दी जानी चाहिए। इससे उसे मानसिक प्रताड़ना से भी गुजरना पड़ता है।

अगर कोई कॉरपोरल पनिशमेंट देता है तो उसे जुवेनाइल एक्ट 2015 और आरटीई 2011 के तहत सजा मिल सकती है। हालांकि, टीचर और डॉक्टर दोनों को IPC का सेक्शन 88 कुछ हद तक सुरक्षा देता है। इस सेक्शन में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति अच्छे मकसद से दूसरे व्यक्ति को डांटता, फटकारता या पीटता है, जिसमें हत्या का बिल्कुल इरादा न हो और उसके लिए पीड़ित व्यक्ति किसी न किसी रूप में सहमति देता है तो वह अपराध नहीं है। ऐसे केस में सेक्शन 323 भी लागू नहीं होगा। इस सेक्शन में कहा गया है कि अगर कोई जानबूझकर किसी को चोट या नुकसान पहुंचाता है, तो ऐसा करने पर उसे 1 साल तक की कैद या 1 हजार रुपए का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।

– एजेंसी/न्यूज़ हेल्पलाइन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *