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जानिए,पान का पत्ता यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में करता है मदद

यूरिक एसिड का बढ़ना एक बड़ी समस्या बन गई है. इससे इन दिनों बहुत से लोग पीड़ित हैं. यूरिक एसिड ब्लड में पाया जाने वाला एक गंदा पदार्थ होता है. यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने को मेडिकल लेंग्वेज में हाइपरयूरिसीमिया कहा जाता है. ये एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें प्लाज्मा यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है. यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से न सिर्फ गाउट, बल्कि किडनी की पथरी और कई सारी बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है.

वैसे तो इसके कई इलाज मौजूद हैं. हालांकि दवाओं के अलावा घरेलू उपायों से भी यूरिक एसिड के लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है. आज हम आपको पान के पत्ते के बारे में बताएंगे, जिसको खाने से आप बढ़े हुए यूरिक एसिड के लेवल को आसानी से कम कर सकते हैं.

पान का पत्ता यूरिक एसिड के लेवल को कम करने में मददगार है. एक रिसर्च के मुताबिक, कुछ चूहों को पान का अर्क दिया गया था. इसके सेवन से यूरिक एसिड का लेवल 8.09mg/dl से कम होकर 2.02mg/dl हो गया. पान के पत्ते में एंटी-इंफ्लेमेटरी का खजाना पाया जाता है. ये जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है, जो कई पुरानी बीमारियों जैसे- आर्थराइटिस, रूमेटाइड, ऑस्टियोपोरोसिस आदि के प्रमुख लक्षण हो सकते हैं.

यूरिक एसिड की समस्या से जूझ रहे मरीजों को रोजाना पान के पत्ते को चबाना चाहिए. इससे उनका यूरिक एसिड का लेवल कम हो सकता है. लेकिन इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि इस दौरान किसी भी तरह के तंबाकू को नहीं खाना है.

खाना खाने के बाद थोड़ी मात्रा में पान के पत्ते का पेस्ट चबाने से न सिर्फ आंत स्वस्थ रहेगा, बल्कि मुंह की दुर्गंध और सांसों की दुर्गंध भी दूर होगी. इसके अलावा, दांतों और मसूड़ों में दर्द, सूजन और मुंह के इन्फेक्शन से भी राहत मिलेगी.

पान में इंटेस्टाइनल, कार्मिनेटिव और एंटी-फ्लैटुलेंट गुण होते हैं. इसमें आंतों को स्वस्थ रखने वाले गुण भी होते हैं. पान के पत्ते मेटाबोलिज्म को बढ़ाने का काम करते हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन ट्रिगर होता है.

कई अध्ययनों से मालूम चलता है कि पान के पत्ते के पाउडर में टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर के स्पाइक्स को कम करने की कैसिसिटी होती है. पान का पत्ता एक मजबूत एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से निपटने में सहायता करता है. इसके अलावा, ये अनकंट्रोल्ड ब्लड ग्लूकोज की वजह से होने वाली सूजन को भी कम करता है और डायबिटीज को कंट्रोल में रखता है.

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