जानिए,आयुर्वेद के अनुसार चावल पकाने का सही तरीका

चावल खाना किसे पसंद नहीं होता, हल्का फुल्का चावल खाना हर किसी को पसंद होता है. वहीं कुछ लोग चावल को अवॉइड भी करते हैं. उनका मानना होता है कि चावल खाने से वजन बढ़ता है, क्योंकि बहुत से ऐसे लोग हैं जो चावल की खूबियों से बेखबर भी हैं. चावल एक ऐसा मील है जिससे बहुत कम मात्रा में ही आपका पेट भर जाता है, यानि एक कटोरी राइस आपकी भूख एक-दम शांत कर देता है. ये जल्दी डाइजेस्ट होता है, बॉडी में कॉम्प्लेक्स, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन-बी की आपूर्ति करता है.

दौड़ती भागती जिंदगी में लोग चावल को बनाने में लापरवाही करते हैं. जल्दी के चक्कर में चावल को कुकर में डालकर दो से तीन सीटी लगाकर पका लेते हैं. कुकर में कुक किया हुआ चावल शरीर को नुकसान पहुंचता है, क्योंकि उसमें ज्यादा मात्रा में फैट और कार्बोहाइड्रट होता है, जबकि आयुर्वेदिक डॉक्टर्स चावल पकाने के इस तरीके को अवॉइड करने की सलाह देते हैं.

कम से कम 2 से 3 बार पानी में चावल को तब तक धोना चाहिए, जब तक उसमें से गंदगी साफ न हो जाए.

चावल को पानी में अच्छी तरह धोने के बाद एक बर्तन में पानी भरकर भिगोकर कम से कम एक घंटे के लिए रखना चाहिए. आयुर्वेद में कहा जाता है कि चावल को बनाने से पहले पानी में भिगोने से उसके पोषक तत्व बढ़ जाते हैं.

ज्यादातर लोग पानी और चावल को एक साथ बर्तन में डालकर पकाने रख देते हैं, जबकि आयुर्वेद कहता है कि चावल बनाते समय हमेशा पहले बर्तन पानी उबालना चाहिए, उबालते पानी में ही चावल डालना चाहिए.

चावल को उबाल आने तक ढक कर पकाना चाहिए,उबाल आने के बाद ढक्कन हटा देना चाहिए.

चावल अच्छी तरह पक जाए, लेकिन बर्तन में एक्ट्रा पानी हो तो, छलनी की मदद से उसे निकाल दें और फिर ढककर करीब 5 मिनट रख दें.

5 मिनट बाद ढक्कन हटाएंगे तो आपके खाने के लिए चावल एकदम तैयार होंगे. आप इसे दाल या सब्जी जिसके साथ सर्व कर गर्मागर्म खा सकते हैं.

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