सर्द मौसम में ऐसे करें दालचीनी का उपयोग,कफ की समस्या से होगा बचाव

दालचीनी एक शानदार ऐंटिऑक्सिडेंट है. केवल मसालों की अगर बात करें तो रसोई में जितने भी मसाले रखे होते हैं, उनमें सबसे अधिक ऐंटिऑक्सिडेंट्स लौंग में होते हैं और इसके बाद दालचीनी को सबसे अधिक ऐंटिऑक्सीडेंट्स से भरपूर माना जाता है.

दालचीनी मसाला एक पेड़ की छाल से तैयार होता है. इसके पेड़ बहुत ऊंचे और बड़े होते हैं. इन पेड़ों के तने की अंदरूनी छाल को दालचीनी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इस पेड़ के पत्तों को भी हर्ब के रूप में उपयोग किया जाता है और ये अच्छे हीलर के रूप में काम करते हैं. आयुर्वेद के अनुसार, दालचीनी बहुत अधिक गर्म तासीर का मसाला है, जो वात और कफ दोष को संतुलित करने में मदद करता है. हालांकि इसका अधिक सेवन करने से पित्त दोष की वृद्धि होती है.

जैसा कि बताया जा चुका है, दालचीनी वात और कफ को नियंत्रित करती है. यानी इन दोनों दोषों के कारण होने वाली बीमारियों को दालचीनी के सेवन से कंट्रोल किया जा सकता है. दालचीनी इन रोगों में खासतौर पर लाभकारी होती है…

डायजेशन से संबंधी समस्याएं
कोलेस्ट्रॉल की समस्या
ब्लड प्रेशर संबंधी समस्या
डायबिटीज
पीरियड्स संबंधी परेशानियां
मेंटल हेल्थ संबंधी दिक्कतें
कफ
कोल्ड
फीवर
वायरल इंफेक्शन
फंगल इंफेक्शन
कितनी मात्रा में करें दालचीनी का सेवन?

दालचीनी बहुत गर्म तासीर वाला मसाला होता है. इसे अधिक मात्रा में खाने पर एसिडिटी, सीने में जलन, त्वचा पर खुजली जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए हर दिन सीमित मात्रा में इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है.
एक व्यक्ति एक दिन में दालचीनी के एक इंच बड़े टुकड़े का सेवन कर सकता है. यदि आप दालचीनी पाउडर का उपयोग कर रहे हैं तो पूरे दिन में सामान्य आकार की एक चम्मच से इसका उपयोग करें.

दालचीनी का उपयोग आप दाल-सब्जी बनाने में कर सकते हैं.
दालचीनी की चाय या काढ़ा बनाकर पी सकते हैं.
दूध के साथ दालचीनी पाउडर की फंकी ले सकते हैं.
दालचीनी का छोटा-सा टुकड़ा मुंह में डालकर कैंडी की तरह चूस सकते हैं.

सर्दी के मौसम में गला खराब होना, कफ होना, कोल्ड होना या फीवर की समस्या बहुत जल्दी हो जाती है. क्योंकि ठंडी हवाएं शरीर के तापमान को तेजी से कम कर देती हैं और वायरल इंफेक्शन हावी हो जाता है. ऐसे में आप दालचीनी का उपयोग कर सकते हैं.

आप एक चम्मच शहद में एक चौथाई चम्मच(1/4) दालचीनी पाउडर मिलाएं. इस मिश्रण को उंगली की मदद से चाटकर धीरे-धीरे खाएं. सुबह नाश्ते के बाद और रात को सोने से पहले इसका सेवन करें. आपको जल्दी लाभ मिलेगा.

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