हकलाहट के 3 बड़े कारण व 5 असरदार उपाय

कुछ लोग बोलते समय शब्द या ध्वनि को दोहराते हैं, रुकते हैं या उच्चारण में खिंचाव आता है—इसे हकलाना कहा जाता है। यह अवस्था तब उत्पन्न होती है जब वाणी नियंत्रण में लगने वाली मांसपेशियाँ अटक जाती हैं। आमतौर पर बच्चों में दिखती है, लेकिन किसी भी उम्र में हो सकती है।

हकलाहट के प्रमुख कारण
मस्तिष्क व तंत्रिका विकार

मस्तिष्क के भाषाई केंद्र में असंतुलन

नर्वस सिस्टम का धीमा विकास

पारिवारिक अनुवांशिकता

मनोवैज्ञानिक पहलू

अत्यधिक तनाव या भय

आत्मविश्वास की कमी

भावनात्मक असंतुलन या अतीत की ट्रॉमा

पर्यावरणीय दबाव

घर या स्कूल का डराने वाला माहौल

पढ़ाई/बोलचाल में ज़्यादा दबाव

मज़ाक उड़ाने या आलोचना से उत्पन्न चिंताएं

हकलाहट के प्रभाव
आत्मविश्वास में कमी

लोगों से बात करने में डर

पढाई, नोकरी, रिश्ते बनाने में संकोच

मानसिक तनाव, डिप्रेशन, इन्फीरियरिटी कॉम्प्लेक्स

हकलाहट के प्रकार
ध्वनि या शब्दों का दोहराव

ध्वनि में खिंचाव

बोलने में ठहराव/वाणीदोष

इलाज व नियंत्रण
स्पीच थैरेपी

बोलने की गति नियंत्रण

सांस व उच्चारण अभ्यास

मनोचिकित्सा

चिंता व भय दूर करने की थेरेपी

आत्मविश्वास बढ़ाने वाले सत्र

होम रेमेडी

शीशे के सामने रोज बोलने का अभ्यास

समूह गतिविधियों में भाग लेकर संवाद सुधारना

धीरे बोलना सीखना, पॉजिटिव सोच अपनाना

तनाव-निवारक उपाय जैसे गहरी साँस, योग

पारिवारिक सहयोग

धैर्यपूर्वक सुनना, प्रोत्साहित करना

आलोचना व मज़ाक से बचना

पेशेवर मदद लेने के लिए प्रेरित करना

डॉक्टर्स कहते हैं कि हकलाहट कोई अभिशाप नहीं, बल्कि एक चुनौती है जिसे सही मार्गदर्शन, अभ्यास और सहयोग से पार किया जा सकता है।

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