1 अगस्त से बदल जाएगा आपका UPI इस्तेमाल करने का तरीका – जानें नए नियम

अगर आप भी गूगल पे, फोनपे या पेटीएम जैसे UPI ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए एक जरूरी खबर है। 1 अगस्त 2025 से NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) UPI से जुड़ा एक बड़ा तकनीकी बदलाव करने जा रहा है। यह बदलाव सीधे तौर पर आपकी UPI की सुविधा को प्रभावित करेगा – खासकर बैलेंस चेकिंग और ऑटो पेमेंट्स को लेकर।

चलिए समझते हैं कि ये बदलाव क्या हैं और इसका आपकी जेब और डिजिटल लाइफ पर क्या असर पड़ेगा।

📊 क्यों हो रहा है बदलाव?
हर महीने 16 अरब से ज़्यादा UPI ट्रांजैक्शन हो रहे हैं।

इतनी भारी संख्या के कारण UPI सिस्टम पर बेहद लोड पड़ रहा है।

हाल ही में बैंकों की लापरवाही और कुछ तकनीकी कमजोरियों के कारण कई बार UPI सर्विस बंद रही।

12 अप्रैल को तो करीब 5 घंटे तक UPI ठप रहा – जो अब तक का सबसे लंबा आउटेज माना गया।

रिपोर्ट के मुताबिक, हर सेकंड 7,000 ट्रांजैक्शन होते हैं। यानी अगर 1 मिनट भी सिस्टम डाउन हुआ तो लगभग 4 लाख लोग प्रभावित हो सकते हैं।

🛠️ 1 अगस्त से क्या-क्या बदल जाएगा?
NPCI ने सभी बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (जैसे Google Pay, PhonePe, Paytm आदि) को कुछ सख्त नियमों का पालन करने के लिए कहा है:

✅ बैलेंस चेक करने की लिमिट:
अब आप रोजाना 50 बार से ज्यादा बैलेंस चेक नहीं कर पाएंगे।

✅ लिंक्ड अकाउंट्स देखने की लिमिट:
किसी मोबाइल नंबर से जुड़े बैंक अकाउंट्स की जानकारी 25 बार से ज्यादा नहीं देखी जा सकेगी।

✅ ऑटोपेमेंट्स पर कंट्रोल:
अब SIP, Netflix, Spotify जैसी ऑटोपेमेंट्स सिर्फ नॉन-पीक आवर्स में ही प्रोसेस होंगी।

⏰ नॉन-पीक टाइम क्या है?
सुबह 10 बजे से पहले

दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक

रात 9:30 बजे के बाद

⚙️ ये बदलाव क्यों जरूरी हैं?
इन कदमों का मकसद है:

UPI सिस्टम पर लोड कम करना

सर्विस डाउन होने की घटनाओं को रोकना

यूज़र्स को ज्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद डिजिटल पेमेंट अनुभव देना

🔐 क्या करना चाहिए यूजर्स को?
बैलेंस चेक करने की आदत को थोड़ा कंट्रोल करें।

ऑटो पेमेंट्स के लिए नॉन-पीक टाइम का ध्यान रखें।

अगर आपका ऐप स्लो चले या लिमिट बताए, तो घबराएं नहीं — यह नई गाइडलाइन का हिस्सा है।

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