युवा ग्रैंड मास्टर आर. प्रज्ञानानंद की हुंकार, बोले- विश्व में नंबर 1 बनना ही आखिरी लक्ष्य

चेन्नई (एजेंसी/वार्ता): युवा शतरंज खिलाड़ी और ग्रैंड मास्टर आर. प्रज्ञानानंद ने बुधवार को कहा कि उनका लक्ष्य विश्व में नंबर एक बनना है और वह इसे हासिल करने के लिये कड़ी मेहनत करेंगे। वह प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने के बाद वेलम्मल मैट्रिक हायर सेकेंडरी स्कूल द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में बोल रहे थे, जहां वह 12वीं कक्षा के छात्र हैं। विद्यालय प्रबंधन ने उन्हें प्रतिष्ठित पुरस्कार हासिल करने के लिये 10 लाख रुपये का चेक देकर सम्मानित किया। यह चेक उन्हें तमिलनाडु के खेल एवं युवा मामले मंत्री वी मेय्यानाथन और एचआर एवं सीई मंत्री पीके शेखर बाबू द्वारा दिया गया।

प्रज्ञानानंदा ने इस अवसर पर कहा, “मैं पिछले 13 वर्षों से इस स्कूल में पढ़ रहा हूँ, ठीक एलकेजी से। अब मैं 12वीं में हूं। मैं स्कूल प्रबंधन, शिक्षकों और दोस्तों को उनके समर्थन के लिये धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मुझे ग्रैंड मास्टर बनने में मदद की।” उन्होंने कहा, “मेरा उद्देश्य विश्व नंबर एक बनना है। मैं उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये कड़ी मेहनत करूंगा। अपना लक्ष्य प्राप्त करने के बाद मैं वापस आऊंगा और आप सभी से मिलूंगा।”

प्रज्ञानानंद ने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और खेल मंत्री को प्रतिष्ठित विश्व शतरंज ओलंपियाड की सफलतापूर्वक मेजबानी करने के लिये बधाई दी। इस अवसर पर श्री मेय्यानाथन ने कहा कि श्री स्टालिन ने कल अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने के लिये उन्हें व्यक्तिगत रूप से बधाई दी थी।

श्री मेय्यानाथन ने बहुत कम उम्र में कई स्पर्धाओं में जीत हासिल करने के लिये उनकी सराहना की और उनकी शतरंज यात्रा में और अधिक सफलता की कामना की। शेखर बाबू ने भी उन्हें अर्जुन पुरस्कार मिलने पर बधाई दी और भविष्य में उन्हें और भी पुरस्कार मिलने की कामना की।

-एजेंसी/वार्ता

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