मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन कम होने से महिलाओं को कई स्वास्थ्य चुनौतियाँ सता सकती हैं। इस दौरान शराब का सेवन और भी हानिकारक हो सकता है। आइए जानते हैं कैसे:
तात्कालिक असर
हॉट फ्लैशेस व रात में पसीना
शराब से ब्लड वेसल्स फैलते हैं, जिससे अचानक गर्मी और अत्यधिक रात्री पसीना होता है।
नींद की समस्या
पहली तो नींद आती है, लेकिन शराब REM स्लीप पैटर्न खराब कर देती है, जिससे पुरानी अनिद्रा और बिगड़ जाती है।
मूड स्विंग्स
हॉर्मोनल बदलाव पहले से चिड़चिड़ापन बढ़ा देते हैं; शराब से चिंता और चिड़चिड़ापन और अत्यधिक हो जाता है।
दीर्घकालीन नुकसान
हड्डियों का कमजोरी
ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम बढ़ता है, क्योंकि शराब कैल्शियम अवशोषण और बोन रीमॉडलिंग में बाधा डालती है।
दिल की सेहत बिगड़ना
बीपी, कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिजीज़ का खतरा बढ़ाता है, खासकर जब एस्ट्रोजन सुरक्षा कम हो चुकी हो।
वज़न बढ़ना
धीमा मेटाबॉलिज्म और शराब की खतरनाक कैलोरी मिलकर मोटापे, डायबिटीज़ व हाई बीपी का कारण बन सकते हैं।
जरूरी सलाह
शराब से बचें, यदि सेवन भी करना हो तो बहुत कम मात्रा में।
नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
हड्डी, दिल और मेंटल हेल्थ के लिए डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट या थेरेपी लें।
मेनोपॉज के बाद स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर आप इन जोखिमों से बच सकती हैं और बेहतर स्वास्थ्य पा सकती हैं।
यह भी पढ़ें:
गर्मियों में ताजगी के लिए खीरे और चुकंदर से बनाएं यह डिटॉक्स पानी