पेट्रीसिया नारायण की यात्रा दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत का प्रमाण है। व्यक्तिगत कठिनाइयों का सामना करने से लेकर एक छोटे से फ़ूड कार्ट से शुरुआत करने तक, उन्होंने फ़ूड इंडस्ट्री में अपना रास्ता बनाया। 50 पैसे में कॉफ़ी बेचने से शुरू हुआ यह व्यवसाय अंततः एक संपन्न रेस्टोरेंट व्यवसाय में बदल गया। वर्षों से, उनके समर्पण और दृढ़ता ने उनके प्रयासों को करोड़ों की सफलता में बदल दिया। आज, वे एक प्रेरणा के रूप में खड़ी हैं, जो साबित करती हैं कि लचीलेपन के साथ, कुछ भी संभव है।
कई सफल महिलाओं ने कुछ नहीं से शुरुआत की, संघर्षों को पार करते हुए बड़े व्यवसाय खड़े किए। ऐसी ही एक प्रेरक उद्यमी हैं पेट्रीसिया नारायण, जिन्होंने मात्र 50 पैसे में कॉफ़ी बेचने से लेकर करोड़ों की रेस्टोरेंट चेन चलाने तक का अपना जीवन बदल दिया।
प्रारंभिक जीवन और विवाह
तमिलनाडु के नागरकोइल में जन्मी पेट्रीसिया ने मात्र 17 वर्ष की उम्र में अपने परिवार की इच्छा के विरुद्ध विवाह कर लिया। हालाँकि, उसका पति दुर्व्यवहार करने वाला और नशे का आदी निकला, जिसके कारण उसे आर्थिक संघर्ष और घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ा।
मरीना बीच पर छोटी शुरुआत
अपने बच्चों की देखभाल करने के लिए दृढ़ संकल्पित, पेट्रीसिया ने 1980 में मरीना बीच पर एक छोटी मोबाइल गाड़ी शुरू की। वह नाश्ता, कॉफी, चाय और ताज़ा जूस बेचती थी, जिससे उसे प्रतिदिन केवल 50 पैसे मिलते थे।
कड़ी मेहनत से आगे बढ़ना
लगातार प्रयास करने के कारण, उसकी दैनिक आय बढ़ती गई और वह प्रतिदिन 2 लाख रुपये तक पहुँच गई। उसके समर्पण ने उसे चेन्नई में सरकारी कार्यालयों में कैंटीन चलाने का अवसर दिया।
अपने व्यवसाय का विस्तार
1998 में, वह संगीता समूह के नेल्सन मनिकम रोड रेस्तरां की निदेशक बनीं। फ़ूड स्टॉल चलाने का उसका अनुभव उसकी उद्यमशीलता की सफलता का आधार बन गया।
त्रासदी पर काबू पाना
2002 में, पेट्रीसिया ने अपने पति को खो दिया, और दो साल बाद, उसने एक सड़क दुर्घटना में अपनी बेटी और दामाद को दुखद रूप से खो दिया। अपनी बेटी को सम्मानित करने के लिए, उसने अपना खुद का रेस्तरां, ‘संदीपा’ शुरू किया।
सफलता और मान्यता
2010 में, उसने FICCI वूमन एंटरप्रेन्योर ऑफ़ द ईयर का पुरस्कार जीता। आज, पेट्रीसिया नारायण लचीलेपन का प्रतीक हैं, जो हज़ारों लोगों, ख़ासकर महिलाओं को अपने सपनों को कभी न छोड़ने के लिए प्रेरित करती हैं।