प्रेग्नेंसी पीरियड हर मां के लिए एक खास मौका होता है जिसे वो जिंदगी भर याद रखती है. लेकिन इसी प्रेग्नेंसी पीरियड पर मौसम का भी असर पड़ता है. जी हां, हाल ही में कराई गई एक स्टडी में कहा गया है कि अगर कोई महिला प्रेग्नेंसी पीरियड में ज्यादा गर्मी का सामना करती हैं तो उनकी डिलीवरी यानी प्रसव में काफी दिक्कतें आ सकती हैं. इस स्टडी में कहा गया है कि प्रेग्नेंसी पीरियड में ज्यादा गर्मी होने की वजह से डिलीवरी के वक्त जानलेवा दिक्कतें आने की संभावना बढ़ जाती है. अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में हाल ही में प्रकाशित की गई इस रिसर्च में कहा गया है कि प्रेग्नेंसी पीरियड में ज्यादा गर्मी, ज्यादा तापमान और हीट वेव्स का प्रेग्नेंट महिला के शरीर पर असर पड़ता है.
प्रेग्नेंट महिलाओं को क्यों लगती है ज्यादा गर्मी
आपको बता दें कि सामान्य तौर पर प्रेग्नेंसी पीरियड में एक मां को ज्यादा गर्मी लगती है. दरअसल इस दौरान एक महिला के शरीर में खून की मात्रा बढ़ जाती है जिससे ब्लड वेसल्स फैल कर सतह पर आ जाती है जिससे शरीर को ज्यादा गर्मी लगने लगती है. इस दौरान शरीर में एस्ट्रोजन नाम का हार्मोन ऊपर नीचे होता रहता है और ये शरीर में ज्यादा गर्मी पैदा करने की वजह बनता है. तीसरी तिमाही के बाद मेटाबॉलिज्म का रेट बढ़ने के कारण भी होने वाली मां को ज्यादा गर्मी लगने लगती है. यानी सामान्य तौर पर एक प्रेग्नेंट महिला को ज्यादा गर्मी लगती है और ऐसे में यदि मौसम ज्यादा गर्म होता है और बहुत ज्यादा गर्मी पड़ती है तो इसका सीधा असर प्रसव के समय पर पड़ता है.
डिलीवरी के समय हो सकते हैं ये खतरे
प्रेग्नेंसी पीरियड में ज्यादा गर्मी के एक्सपोजर के चलते महिलाओं को डिलीवरी के समय कार्डिएक अरेस्ट, एक्लेसपसिया, हार्ट फेलियर, सेप्सिस औऱ वेंटिलेशन के रिस्क हो सकते हैं. इनमें से कुछ रिस्क जानलेवा साबित हो सकते हैं. ज्यादा गर्म मौसम में डिलीवरी के समय ब्लड ट्रांसफ्यूजन की भी दिक्कत हो सकती है. रिसर्चर कहते हैं कि खासतौर पर तीसरी तिमाही में ज्यादा गर्मी लगने पर डिलीवरी में दिक्कतों का रेट 24 फीसदी बढ़ सकता है. इतना ही नहीं ज्यादा गर्मी के संपर्क में आने पर गर्भपात, समय से पहले जन्म का खतरा बढ़ जाता है.
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