एंग्जाइटी अटैक क्या है? जानिए लक्षण, कारण और इससे उबरने के आसान उपाय

कभी-कभी दिल की धड़कन अचानक तेज़ हो जाए, हाथ-पैर ठंडे पड़ जाएं, सांस लेने में तकलीफ होने लगे और मन बेहद बेचैन हो जाए — तो लोग इसे हार्ट अटैक समझ बैठते हैं। लेकिन ये लक्षण एंग्जाइटी या पैनिक अटैक के भी हो सकते हैं।

एंग्जाइटी यानी चिंता की स्थिति कोई जानलेवा बीमारी नहीं है, लेकिन इसे नज़रअंदाज़ करना खतरनाक साबित हो सकता है। समय रहते अगर इसके कारण और लक्षण समझ लिए जाएं, तो इस पर काबू पाया जा सकता है।

आइए जानते हैं कि एंग्जाइटी क्यों होती है, इसके लक्षण क्या होते हैं और आप इससे कैसे निपट सकते हैं।

🧠 एंग्जाइटी के आम लक्षण (Symptoms of Anxiety):
हर समय घबराहट और बेचैनी महसूस होना

सांस लेने में दिक्कत

नींद न आना या बार-बार चौंक कर उठना

चक्कर आना, जी मिचलाना या पाचन खराब रहना

शरीर में कमजोरी, हाथ-पैर सुन्न होना

बार-बार पसीना आना

दिल की धड़कन तेज़ होना

किसी काम में ध्यान न लगना

🧐 एंग्जाइटी के कारण क्या हो सकते हैं?
1. लगातार तनाव
काम, रिश्ते, परिवार या किसी बड़ी जिम्मेदारी का तनाव लंबे समय तक बना रहे, तो एंग्जाइटी की संभावना बढ़ जाती है।

2. बीमारी को लेकर चिंता
अगर आप या आपके किसी करीबी को कोई गंभीर बीमारी है, और आप उसके इलाज या परिणाम को लेकर परेशान हैं, तो यह भी चिंता का कारण बन सकता है।

3. बातों को दबा कर रखना
कई बार लोग अपनी फीलिंग्स या बातें खुलकर नहीं कह पाते, जिससे भीतर घुटन और बेचैनी बढ़ती है। यही अंदरूनी दबाव एंग्जाइटी को जन्म देता है।

4. किसी ट्रॉमा या सदमे का असर
किसी दुखद या दर्दनाक अनुभव से गुजरने के बाद भी एंग्जाइटी का खतरा बढ़ सकता है। यह धीरे-धीरे एंग्जाइटी डिसऑर्डर का रूप ले सकता है।

💬 एंग्जाइटी से बचने और राहत पाने के उपाय:
बात करें, छुपाएं नहीं: मन की बातों को किसी अपने से साझा करें। खुलकर बात करने से मानसिक बोझ हल्का होता है।

सोच को नियंत्रित करें: ज़रूरत से ज़्यादा सोचना बंद करें, और चीजों को एक-एक करके सुलझाने की कोशिश करें।

योग, ध्यान और साँस लेने की एक्सरसाइज़ करें — ये तुरंत राहत देने में मदद करते हैं।

अगर ज़रूरत हो, तो विशेषज्ञ से मिलें: काउंसलिंग, थेरेपी (जैसे कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी) और प्रोफेशनल गाइडेंस एंग्जाइटी को पूरी तरह कंट्रोल कर सकती है।

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