जज (गवाह से)- ‘तुम्हारा क्या खयाल है, यह आदमी कैसे मरा?
गवाह- ‘हुजूर, यह बचपन से ही बहुत भुलक्कड किस्म का आदमी था। मेरा खयाल है
कि यह साँस लेना भूल गया होगा।😜😂😂😂😛🤣
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राम (श्याम से)- ‘यार, तुमने जो पौधा मेरे घर के गमले में लगाया था वह अभी तक
बढा ही नहीं।
श्याम- ‘तुम्हें कैसे पता चला?
राम- ‘क्योंकि मैं उसे रोज उखाडकर देखता हूँ।😜😂😂😂😛🤣
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एक ज्योतिषी के घर में चोर घुसे तो ज्योतिषी की पत्नी ने कहा कि शोर मचाओ। इतने
में ज्योतिषी बोला- ‘अभी मुहूर्त नहीं है, शोर कैसे मचाएँ।
छ: महीने बाद जब वह शुभ मुहूर्त आया तो ज्योतिषी ने शोर मचाया- ‘चोर…
चोर…। मोहल्ले के लोग दौडे आए और उन्होंने पूछा कि चोर कहाँ है तो ज्योतिषी
का जवाब था- ‘चोर तो छ: महीने पहले ही भाग गए थे। लोगों ने पूछा- ‘तो अब
क्यों शोर मचा रहे हो? ज्योतिषी का जवाब था- ‘मुहूर्त आज का ही था।😜😂😂😂😛🤣
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भिखारी- ‘क्या बात है साहब, पहले आप सौ रुपए देते थे, बाद में पचास, फिर
पच्चीस और अब दस रुपए देते हैं।
दानी- ‘पहले मैं कुँवारा था तब सौ, फिर मेरा विवाह हो गया तो पचास, एक बच्चा
हो गया तो पच्चीस और अब दो बच्चे हो गए इसलिए दस रुपए देने लगा।
भिखारी- ‘वाह साहब, आपके पूरे परिवार का खर्चा तो मेरे रुपयों से ही चल रहा है।😜😂😂😂😛🤣