थायराॅइड में मूंगफली खाने के क्या है नुकशान

तनाव, भागदौड़, पोषण और व्यायाम की कमी, आपको तेजी से बीमार बना रही है। इन दिनों बहुत सारे लोग थायराइड की समस्या से परेशान है । जो आपके स्वास्थ्य को धीरे-धीरे खोखला बना देती है।कुछ आहार आपके शरीर को जरूरी पोषण प्रदान करते है। वहीं कुछ फूड्स में इतने अधिक पौष्टिक तत्व होते हैं कि उन्हें सुपरफूड्स कहा जाने लगता है। ऐसा ही एक सुपरफूड है मूंगफली, पर क्या थायराॅइड असंतुलन होने पर कम कर देना चाहिए मूंगफली का सेवन?आइये जानते है इसके बारे में विस्तार से :-

थायरॉइड असंतुलन का आपके शरीर पर क्या होता है प्रभाव:-

हाइपरथायरायडिज्म में थायरॉइड ग्रंथि ज़रूरत से ज्यादा थायरॉयड हार्मोन का उत्पाइन करने लगती है। खासतौर से टी4 हार्मोन तेज़ी से बढ़ने लगता है। ये समस्या महिलाओं और पुरूषों दोनों में ही देखी जाती है। मगर खासतौर से महिलाएं इस समस्या की चपेट में आती है।

हाइपरथायरायडिज्म से ग्रस्त व्यक्ति को घबराहट, वेटलॉस, अनिद्रा, कमज़ोरी, हाथ और पैरों का कांपना, मांसपेशियों में ऐंठन और मूड सि्ंवग की समस्या से होकर गुज़रना पड़ता है।

हाइपोथायरायडिज्म में थायरॉइड ग्रंथि हार्मोन का उचित मात्रा में उत्पादन नहीं कर पाती है। आयोडीन की कमी इस समस्या का मुख्य कारण साबित होता है। हार्मोन की कमी के चलते उसका असर शरीर की अन्य गतिविधियों पर नज़र आने लगता है। मेटाबॉलिज्म भी प्रभावित होने लगता है। ये समस्या खासतौर से बच्चों में पाई जाती है।

बालों का पतलापन, पसीना न आना, कब्ज रहना, डिप्रेशन की समस्या, खुजली की समस्या बढ़ना, सर्दी सहन न कर पाना और कमज़ोर महसूस होना हाइपोथायरायडिज्म को दर्शाता है।

क्यों मूंगफली के सेवन को कम करने की सलाह दी जाती है:-

सर्दी के मौसम में अधिकतर लोग मूंगफली खाना पसंद करते हैं। वहीं वेटलॉस के मद्देनज़र पीनट बटर भी लोग अपनी मील में शामिल करते हैं। पोषक तत्वों से भरपूर मूंगफली शरीर को पोषण प्रदान करती है। मगर इसमें मौजूद ओमेगा 6 फैटी एसिड थायरॉइड के मरीज़ के लिए नुकसानदायक साबित होता है।मूंगफली में मौलूद गोइट्रोजेन हाइपोथायरायडिज्म के जोखिम को बढ़ा सकता है। दरअसल, शरीर में आयोडीन की अधिकता के कारण ये समस्या बढ़ने लगती है। ऐसे में मूंगफली का सेवन करने से बचना चाहिए।

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