दूरसंचार सचिव नीरज मित्तल ने सोमवार को कहा कि छोटी, नवोन्वेषी कंपनियों के कुछ ‘‘उत्कृष्ट’’ उत्पाद बनाने के तथ्य पर गौर करते हुए वह एमएसएमई को न केवल सार्वजनिक क्षेत्र की निविदाओं के लिए बल्कि निजी क्षेत्र में भी प्रतिस्पर्धी होते देखना चाहते हैं।
दूरसंचार विभाग के शीर्ष अधिकारी मित्तल ने कहा कि सरकार उत्पादन संबंधी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना में ‘‘ सुधार करना चाहती है’’ और नई, बेहतर योजना के लिए लघु, कुटीर एवं मझौले उद्यमों (एमएसएमई) से भी उनके विचार मांगे हैं।
उन्होंने कहा कि दूरसंचार घटक संबंधी परिवेश को भारत में विकसित होना चाहिए क्योंकि ‘‘ यह उप-प्रणालियों को लाने और उन्हें यहां इकट्ठा करने तथा कम मूल्य संवर्धन वाले हिस्से में दक्षता लाने के लिए पर्याप्त नहीं है।’’
अंतरराष्ट्रीय व्यापार एक्सपो ‘भारत टेलीकॉम 2024’ में मित्तल ने कहा, ‘‘हमें भारत में एक दूरसंचार घटक संबंधी परिवेश विकसित करने की जरूरत है। ’’
उन्होंने कहा कि स्टार्टअप परिवेश तंत्र भविष्य में रोजगार, प्रौद्योगिकी तथा विनिर्माण का प्रवर्तक बनेगा।
मित्तल ने कहा, ‘‘….कैसे छोटे एमएसएमई जो उत्कृष्ट उत्पाद बना रहे हैं और ठेके लेने में बड़ी कंपनियों को टक्कर देने में सक्षम हैं जो न केवल सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों द्वारा बल्कि निजी दूरसंचार कंपनियों द्वारा भी दिए जाते हैं…’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी होगी जब एमएसएमई न केवल भारत नेट (सरकारी खरीद परियोजना) की निविदाओं में प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगे बल्कि निजी क्षेत्र में भी टक्कर देंगे।’’
– एजेंसी