मेनस्ट्रीम सिनेमा में हिंसा: सुदीप शर्मा ने ‘एनिमल’ पर साधा निशाना

‘एन एच 10’, ‘उड़ता पंजाब’, ‘कोहरा’ और ‘पाताल लोक’ जैसी हिट फिल्में और वेब सीरीज़ बनाने वाले सुदीप शर्मा ने हाल ही में मेनस्ट्रीम सिनेमा में हिंसा को बढ़ावा दिए जाने पर अपनी राय रखी। बिना रणबीर कपूर की फिल्म ‘एनिमल’ का नाम लिए उन्होंने इसे निशाने पर लिया और कहा कि इस तरह की हिंसा दिखाना न सिर्फ गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि दर्शकों पर इसका गहरा मनोवैज्ञानिक असर पड़ता है।

हिंसा का महिमामंडन चिंताजनक
ओटीटी प्ले को दिए गए इंटरव्यू में सुदीप शर्मा ने कहा, “मेनस्ट्रीम सिनेमा में वॉयलेंस को जिस तरह पॉजिटिव रूप में पेश किया जाता है, वह मुझे परेशान करता है। जब हिंसा को बिना किसी परिणाम के दिखाया जाता है, तो असल दिक्कत वहीं होती है।”

उन्होंने आगे कहा, “फिल्मों में दिखाए जाने वाले वॉयलेंस का लोगों के दिमाग पर गहरा असर पड़ता है। जिस तरह रोड साइड वॉयलेंस लोगों को मानसिक रूप से प्रभावित करता है, उसी तरह फिल्मी हिंसा भी अपना प्रभाव छोड़ती है।”

हिंसा का व्यक्तिगत अनुभव
सुदीप ने अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए बताया कि 80 और 90 के दशक में जब वह असम में रहते थे, तब वहां की हिंसा ने उनके दिमाग पर कितना गहरा असर डाला था। उन्होंने कहा कि उन घटनाओं ने उनके सोचने का नजरिया ही बदल दिया।

‘एनिमल’ पर तीखा बयान
सुदीप ने बिना नाम लिए फिल्म ‘एनिमल’ की आलोचना करते हुए कहा, “आजकल फिल्मों में यह दिखाया जाता है कि कोई हीरो लापरवाही से, बिना किसी परिणाम के, सैकड़ों लोगों को मार देता है और फिर भी लोग उसे हीरो मानते हैं।”

उन्होंने सवाल उठाया, “कैसे एक आदमी गन लेकर होटल में घुसता है और 150 लोगों को मार देता है, लेकिन किसी को यह नहीं दिखाया जाता कि पुलिस कहां है या इन चीजों के नतीजे क्या होंगे। ऐसी हिंसा का बखान करना न केवल खतरनाक है, बल्कि यह समाज को भी गलत संदेश देता है।”

वॉयलेंस पर सवाल क्यों नहीं?
सुदीप ने कहा कि आज के दर्शक फिल्मों में इस तरह की हिंसा देखने के आदी हो चुके हैं। “हमने इस बात को स्वीकार कर लिया है कि फिल्मों में वॉयलेंस मनोरंजन का हिस्सा बन गया है। लेकिन इस पर सवाल क्यों नहीं उठाए जाते? ऐसी कहानियों और किरदारों पर कभी गंभीरता से चर्चा क्यों नहीं होती?”

उन्होंने अपनी बात को इस निष्कर्ष पर खत्म किया कि फिल्म मेकर्स को जिम्मेदारी से काम लेना चाहिए और हिंसा के परिणामों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

यह भी पढ़ें:

क्या आप भी बालों को मेंहदी से कलर करते समय करते है ये गलतियां