रामानंद सागर के सीरियल रामायण और उसके कलाकारों के किस्से आज भी लोगों की जुबां पर रहते हैं. इस सीरियल का क्रेज इतना ज्यादा था कि लोग अपने सभी काम निपटाकर टीवी सेट के सामने जमकर बैठ जाते थे. वहीं, इस सीरियल के कलाकारों को आज भी याद किया जाता है. चाहे वे राम-लक्ष्मण हों या रावण-विभीषण, हर किरदार आज भी लोगों के दिल में बसा हुआ है. आज हम बात कर रहे हैं रामायण के अहम किरदार विभीषण की, जानते हैं उनकी जिंदगी का हर किस्सा…
रामानंद सागर की रामायण में मुकेश रावल ने विभीषण का किरदार निभाया था. इस किरदार की वजह से उन्हें इतनी शोहरत मिली कि घर-घर में पहचाने जाने लगे. बता दें कि मुकेश अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें आज भी हमारे जेहन में जिंदा हैं.
साल 1951 के दौरान मुंबई में जन्मे मुकेश ने हिंदी भाषा के अलावा गुजराती इंडस्ट्री में भी काम किया. वह जिद्द, ये मझदार, लहू के दो रंग, सत्ता, औजार और कसक आदि हिंदी फिल्मों में नजर आए. वहीं, हसरतें, बींद बनूंगा घोड़ी चढ़ूंगा आदि सीरियल में भी काम किया.
मुकेश को विभीषण का किरदार अचानक मिला था. दरअसल, वह काफी समय से थिएटर कर रहे थे. एक प्ले के दौरान रामानंद सागर की नजर उन पर पड़ी तो उनका ऑडिशन ले लिया. बता दें कि मुकेश ने मेघनाद और विभीषण दोनों किरदारों के लिए ऑडिशन दिया था.
मुकेश रावल ने आत्महत्या की थी. उनका शव मुंबई के कांदीवली स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर मिला था. कहा जाता है कि अपने बेटे की मौत के बाद से मुकेश डिप्रेशन में थे. वहीं, बेटी की शादी के बाद जब वह एकदम अकेले हो गए तो उनकी तकलीफ बढ़ती चली गई. डिप्रेशन के चलते उन्होंने खौफनाक कदम उठा लिया.
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