यूआईडीएआई नवंबर में चौथे महीने शिकायत निवारण सूचकांक में अव्वल

नयी दिल्ली (एजेंसी/वार्ता): भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने नवंबर 2022 के लिए प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) द्वारा प्रकाशित रैंकिंग रिपोर्ट में लोक शिकायतों के निवारण के लिए सभी समूह ए मंत्रालयों, विभागों और स्वायत्त निकायों में एक बार फिर पहला रैंक प्राप्त किया है। यह लगातार चौथा महीना है, जब यूआईडीएआई ने इस रैंकिंग में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।

यूआईडीएआई की नई ओपन सोर्स सीआरएम (उपभोक्ता संबंध प्रबंधन) प्रणाली उपयोगकर्ता के अनुभव को बढ़ा रही है तथा निवासियों को सेवा वितरण में सुधार कर रही है। इस प्रणाली में फोन कॉल, ईमेल, चैटबॉट, वेब पोर्टल, सोशल मीडिया, पत्र तथा वॉक-इन जैसे चैनलों का समर्थन करने की क्षमता है, जिसके माध्यम से शिकायतों का पंजीकरण किया जा सकता है, उन्हें ट्रैक किया जा सकता है और प्रभावी तरीके से निवारण किया जा सकता है।

इस नई सीआरएम प्रणाली के माध्यम से यूआईडीएआई केन्द्रीकृत शिकायत निवारण तंत्र की ओर बढ़ गया है। यूआईएडीआई मुख्यालय और इसके क्षेत्रीय कार्यालय विभिन्न चैनलों के माध्यम से सीआरएम केस निर्माण और समाधान के लिए साझा मंच का उपयोग कर रहे हैं।

यूआईडीएआई का हाल में लॉन्च किया गया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा मशीन लर्निंग (एआई-एमएल) आधारित चैट बॉट ‘आधार मित्र’ भी निवासियों के बीच लोकप्रिय हो रहा है और यहां तक कि एक प्रसिद्ध फिल्म स्टार द्वारा होस्ट किए गए एक लोकप्रिय क्विज शो में भी दिखाई दिया है। ‘आधार मित्र’ पर लगभग 30,000 बातचीत दैनिक आधार पर हो रही है शीघ्र ही इसके 50,000 के आंकड़े को पार करने की आशा है।

नया चैटबॉट उन्नत सुविधाओं के साथ आता है जैसे- आधार नामांकन/अपडेट स्थिति की जांच, आधार पीवीसी कार्ड की स्थिति की ट्रैकिंग, नामांकन केंद्र स्थान की जानकारी आदि। निवासी अपनी शिकायतें भी दर्ज कर सकते हैं और ‘आधार मित्र’ का उपयोग करके शिकायतों को ट्रैक कर सकते हैं। आधार मित्र अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है। यूआईडीएआई निवासियों के लिए “जीवन की सुगमता” की सुविधा के लिए निरंतर काम कर रहा है तथा एक और भी कुशल सेवा वितरण की दिशा में अपनी शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

-एजेंसी/वार्ता

यह भी पढ़े: जल्द ही भारत अज्ञात डेटा सेट इकट्ठा करना शुरू करेगा: मंत्री राजीव चंद्रशेखर

Leave a Reply