केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने संसद पर हमले को लेकर राहुल गांधी पर जोरदार हमला किया है। उन्होंने रविवार को कहा है कि संसद पर हुए हमले जैसे संवेदनशील मुद्दे को राहुल गांधी भ्रष्टाचार और महंगाई से जोड़ रहे हैं। इस मामले में राहुल गांधी का देर से बयान आया है।
गिरिराज सिंह ने रविवार को बेगूसराय में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर पहले अपने लोगों से बुलवा लिया। तब ज्ञान बांट रहे हैं। राहुल गांधी तो ऐसे लोग हैं जो कभी जेएनयू जाकर अफजल की बरखी पर समर्थन करते हैं, तो कभी टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ खड़ा रहते हैं। देश को अस्थिर करने और नरेन्द्र मोदी को बदनाम करने के लिए हमेशा काम किया है।
किसान आंदोलन का जिस तरह से परत दर परत खुला, उसी तरह से संसद पर हुए हमले का भी परत दर परत खुलेगा। उसके बाद राहुल गांधी टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ खड़े देखेंगे, अफजल के सहयोगी के साथ दिखेंगे। क्योंकि वह तो कभी देश हित में खड़े दिखे ही नहीं। मोदी को बदनाम करते-करते अब देश को बदनाम कर रहे हैं।
किसान आंदोलन में उनके टूल किट कनेक्शन का खुलासा हुआ था। उसी तरह संसद पर हुए हमले में भी बहुत सारी चीज सामने आएगी। राजद द्वारा संसद पर हुए हमले को भाजपा की साजिश बताए जाने पर गिरिराज सिंह ने कहा कि राजद के ज्ञान पर कुछ भी कहना मुश्किल है। जल्द ही राजद के नेताओं को पता चल जाएगा कि यह राजद की साजिश है या किसी अन्य की।
इसके साथ ही गिरिराज सिंह ने मंदिरों में बलि प्रथा बंद करवाने की मांग करने वालों एवं सड़क किनारे मांस बेचे जाने का विरोध करते हुए हिंदुओं से अपील किया है कि हलाल वाला नहीं, झटका वाला मांस खाओ। उन्होंने कहा कि देश में हिंदू धर्मावलंबी कई चीजों पर पुनर्विचार करते रहे हैं। श्याम मंदिर में बलि प्रथा बंद किया जाना, कमेटी का निर्णय है।
कुछ लोग कहते हैं कि बलि प्रथा बंद होनी चाहिए, बंद करने की बात कहने वालों की जुबान बकरीद पर क्यों नहीं खुलती है। जो एनिमल लवर स्वच्छता की दुहाई देते हैं, उनकी जुबान बकरीद पर क्यों नहीं खुलती है, जब लाखों-करोड़ों बकरे काटे जाते हैं। इस मामले को सामाजिकता में देखना चाहिए, समाज के अनुरूप काम होना चाहिए।
सड़क किनारे मांस बेचे जाने पर सवाल उठाते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि बेगूसराय सहित देश के विभिन्न हिस्सों में बड़े पैमाने पर सड़क किनारे खुलेआम मांस बेचे जा रहे हैं। बेगूसराय में बरौनी रिफाइनरी गेट के बाहर कई दुकानों में खुलेआम मांस बिक रहा है। इसके लिए ना तो कॉरपोरेशन लाइसेंस देता है और ना ही इसकी व्यवस्था करता है।
कलेक्टर भी इसकी व्यवस्था नहीं करते हैं। ऐसी दुकानों को सड़क किनारे से हटाया जाए। जैन और सनातन धर्मावलंबी लोग बराबर कहते हैं कि सुबह में निकलने पर बहुत खराब लगता है। स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए भी यह बाधक है। प्रशासन वधशाला बनाए, मीट और मछली बेचने की अलग व्यवस्था करे। सड़क किनारे की व्यवस्था का खराब और दुष्परिणाम सामने आ रहा है।
गिरिराज सिंह ने हिंदू समाज से अपील किया है कि हलाल और जबह वाला मांस नहीं खाएं, झटका वाला खाएं। हिंदू के घर में झटका ही चलता है। देवघर में भैंसा की बलि पड़ती थी तो एक बार में हीं काटना शुद्ध माना जाता है। बेगूसराय के लखनपुर में भी बलि प्रथा चल रहा है, वहां एक बार में काटा जाता है, एक बार में नहीं काटने पर अशुद्ध माना जाता है। अनादि काल से यह प्रथा चल रही है, इसलिए जो भी हिंदू भाई मुर्गा मीट खाते हैं, वह हलाल वाला बिलकुल नहीं खाए।
– एजेंसी