अस्थमा में राहत के लिए आज़माएं ये 3 आयुर्वेदिक नुस्खे

सर्दियों का मौसम आते ही अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी सांस की तकलीफ, खांसी और सीने में जकड़न जैसी समस्याओं का सामना करने लगते हैं। अस्थमा एक क्रॉनिक श्वसन रोग है, जिसमें सांस की नली में सूजन आ जाती है और कफ जमा हो जाता है।

लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। आयुर्वेद के कुछ घरेलू और प्राकृतिक उपायों को अपनाकर अस्थमा के लक्षणों से राहत पाई जा सकती है। आइए जानते हैं कौन-से हैं ये कारगर उपाय:

🌿 1. तुलसी – कफ हटाए और सांस को दे राहत
तुलसी में मौजूद औषधीय गुण सांस की नली में जमा कफ को निकालने में मदद करते हैं।
कैसे करें इस्तेमाल:

5-10 तुलसी की पत्तियां एक कप पानी में उबालें।

हल्का गुनगुना होने पर इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं।

दिन में 1-2 बार इसका सेवन करें।
या फिर आप रोज सुबह तुलसी की 5-6 पत्तियां चबा सकते हैं।

🍯 2. मुलेठी – कफ की पुरानी दवा
मुलेठी को आयुर्वेद में कफ नाशक औषधि माना गया है। यह गले में जमा बलगम को साफ करने और सांस को आसान बनाने में मदद करती है।
कैसे करें इस्तेमाल:

आधा चम्मच मुलेठी चूर्ण को गुनगुने पानी या शहद के साथ लें।

आप चाहें तो चाय बनाते समय इसमें आधा चम्मच मुलेठी भी मिला सकते हैं।

दिन में 1-2 बार इस चाय का सेवन करें।

🌱 3. अदरक – फेफड़ों को दे मजबूती
अदरक एक बेहतरीन प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी है जो फेफड़ों की सूजन को कम करता है और श्वासनली को फैलाता है, जिससे सांस लेना आसान होता है।
कैसे करें इस्तेमाल:

एक छोटा टुकड़ा अदरक पानी में उबालें, उसमें थोड़ा शहद और नींबू मिलाएं।

इसे चाय की तरह दिन में 1-2 बार पिएं।

अदरक के रस में शहद मिलाकर लेना भी काफी असरदार होता है।

✅ नज़रअंदाज़ ना करें ये लक्षण:
सांस लेने में तकलीफ

सीने में जकड़न

बार-बार खांसी

खाँसते समय सीने में दर्द

अगर इनमें से कोई भी लक्षण बार-बार दिखाई दे, तो तुरंत इलाज शुरू करें और इन आयुर्वेदिक उपायों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।

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