छींक आना एक सामान्य प्रक्रिया है. जब हमें जुकाम होता है या फिर धूल-मिट्टी के संपर्क में आने से भी छींक आने की समस्या हो जाती है. छींक आने के समस्या को स्टर्नटेशन भी कहा जाता है, आमतौर पर धूल, पराग, जानवरों की रूसी और इसी तरह के कणों के कारण छींक आती है. यह आपके शरीर के लिए अवांछित कीटाणुओं को बाहर निकालने का भी एक तरीका है, जो आपके नाक के मार्ग में जलन पैदा कर सकता है और आपको छींकने के लिए प्रेरित कर सकता है. हालांकि, बार-बार छींक आना परेशान करता है, ये बहुत इरिटेटिंग होता है.
छींक रोकने के लिए छींक आने से ठीक पहले नाक को दबाने की कोशिश करें. जब आपको लगता है कि छींक आ रही है, तो अपनी नाक को चुटकी काटें. इससे आपकी छींक रुक जाएगी.
छींक को रोकने के लिए आप अपनी जीभ का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए अपनी जीभ से मुंह के अंदर के ऊपरी हिस्से को टच करं. ऐसा 5-7 सेकंड तक करने से छींक आना बंद हो जाती हैं.
यदि आपको काफी समय से छींके आ रही हैं और नाक बह रही है, तो आपको एलर्जी विशेषज्ञों से बात करनी चाहिए. यदि आपको एलर्जी की गंभीर समस्या है, तो इसके लिए आप एलर्जी विशेषज्ञ से मिलें.
छींक अगर लगातार आ रही है, तो इसके लिए कुछ कारणों पर ध्यान देने की जरूरत होती है. दरअसल, छींक का आना एलर्जी के साथ-साथ कमजोर इम्यूनिटी के बारे में भी बताती है.
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