त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने पूर्वोत्तर राज्य में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेताओं से गांव-गांव में जाने और जनता का दिल जीतने के लिए स्थानीय मुद्दों पर आंदोलन करने का आग्रह किया।
उन्होंने दावा किया कि त्रिपुरा में माकपा नेताओं को आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है क्योंकि पार्टी लोगों को आकर्षित करने में विफल रही है।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य ने मंगलवार को यहां टाउन हॉल में पार्टी के एक कार्यक्रम में कहा, ”2018 से पहले माकपा में 88 हजार सक्रिय सदस्य थे, जो 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद घटकर 45 हजार हो गए। सदस्यों की घटती संख्या पर ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि राज्य में करीब 42 लाख लोग हैं।”
सरकार ने पार्टी नेताओं से गांव-गांव जाने और जनता का दिल जीतने के लिए स्थानीय मुद्दों पर आंदोलन करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ”स्थानीय पार्टी इकाइयों को मुद्दों का चयन करते हुए परिपक्व दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। जनता उन मुद्दों को स्वीकार करती है, जो उनके जीवन से जुड़े हुए होते हैं। पार्टी के लोगों को संगठित कर जन मुद्दों पर आंदोलन चलाने चाहिए।”
माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य ने आरोप लगाया कि त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है और भाई-भतीजावाद में लिप्त है।
उन्होंने कहा, ”हमें मौजूदा स्थिति का फायदा उठाते हुए जनता को संगठित करना चाहिए क्योंकि पार्टी के पास अभी भी 44,000 मजबूत सदस्य हैं। जो लोग आदिवासी और गैर-आदिवासी के बीच विभाजन की कोशिश कर रहे हैं, वे लंबे समय तक टिक नहीं पाएंगे।”
– एजेंसी