आयुर्वेद में बताया गया है कि हर एक इंसान की एक ख़ास प्रकृति होती है। अधिकांश लोगों को अपनी प्रकृति के बारे में कोई अंदाज़ा नहीं होता है जबकि आप अपनी आदतों और स्वभाव के आधार पर बहुत आसानी से अपनी प्रकृति जान सकते हैं। जैसे कि किसी काम को शुरु करने में आप बहुत देरी करते हैं या आप चाल बहुत धीमी और गंभीर है तो यह दर्शाता है कि आप कफ प्रकृति के हैं। इस लेख में हम आपको कफ प्रकृति के लक्षणों, इससे जुड़े रोगों और उपायों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।आज हम आपको बताएंगे कफ दोष क्या है और इससे निजात पाने के घरेलू उपाय।
कफ दोष, ‘पृथ्वी’ और ‘जल’ इन दो तत्वों से मिलकर बना है। ‘पृथ्वी’ के कारण कफ दोष में स्थिरता और भारीपन और ‘जल’ के कारण तैलीय और चिकनाई वाले गुण होते हैं। यह दोष शरीर की मजबूती और इम्युनिटी क्षमता बढ़ाने में सहायक है। कफ दोष का शरीर में मुख्य स्थान पेट और छाती हैं।
कफ शरीर को पोषण देने के अलावा बाकी दोनों दोषों (वात और पित्त) को भी नियंत्रित करता है। इसकी कमी होने पर ये दोनों दोष अपने आप ही बढ़ जाते हैं। इसलिए शरीर में कफ का संतुलित अवस्था में रहना बहुत ज़रूरी है।
कफ दोष की समस्या से निजात पाने के लिए निम्नलिखित आयुर्वेदिक उपाय और डाइट प्लान लाभकारी हो सकते हैं:
आयुर्वेदिक उपाय:
गर्म पानी पीना: गर्म पानी के साथ शहद और नींबू का रस मिलाकर पीना कफ को दूर करने में मदद कर सकता है।
त्रिफला (Triphala): त्रिफला चूर्ण को रात को सोते समय गर्म पानी के साथ लेने से कफ की समस्या में राहत मिल सकती है।
गुड़ूची (Guduchi): गुड़ूची का सेवन करने से शरीर के कफ दोष को नियंत्रित किया जा सकता है।
अदरक और लहसुन: अदरक और लहसुन के रस का सेवन भी फेफड़ों में कफ को कम करने में मदद कर सकता है।
अजवाइन (Ajwain): अजवाइन को हल्के गरम पानी में भिगोकर पीने से भी कफ की समस्या में लाभ मिल सकता है।
डाइट प्लान:
हरी सब्जियां और फल: हरी सब्जियां और फलों का अधिक सेवन करें, जैसे कि स्पिनच, ब्रोकोली, नींबू, आम, और अनार।
गर्म पानी: दिन में अधिक से अधिक गर्म पानी पिएं।
हरी चाय: हरी चाय का सेवन करें, जो कफ को दूर करने में मदद कर सकता है।
खाने के बाद अदरक का सेवन: भोजन के बाद अदरक के टुकड़े खाने से भी कफ की समस्या में लाभ मिल सकता है।
यदि कफ दोष की समस्या गंभीर है या लंबे समय तक बनी रहती है, तो चिकित्सक से परामर्श करना सबसे उत्तम होगा। उन्हें आपकी समस्या के अनुसार सही उपचार और निदान सुझाया जाएगा।
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