तनाव, गुस्सा, पलूशन, अन्य हेल्थ प्रॉब्लम्स जैसे कई कारण हैं, जिनके चलते आज के समय में लोगों में हाई बीपी की समस्या बहुत तेजी से बढ़ रही है. ज्यादातर लोगों के पता है कि बीपी लो होने पर चीनी नमक का घोल लेना चाहिए या तुरंत कुछ मीठा खा लेना चाहिए. लेकिन हाई बीपी होने पर ऐसा क्या करें कि रोगी की स्थिति जल्दी सामान्य हो जाए और हार्ट अटैक का खतरा भी कम हो जाए…
सिर घूमना या चक्कर आना
धड़कनें बढ़ना
सांस लेने में समस्या होना
भयानक सिरदर्द
नाक से ब्लड आना
बहुत अधिक थकान लगना और कंफ्यूजन
सीने में दर्द
धुंधला दिखने लगना
कुछ लोगों को यूरिन में ब्लड भी आ सकता है. जरूरी नहीं है कि ये सभी लक्षण सभी लोगों में एक साथ नजर आएं. आमतौर पर इनमें से कोई दो या तीन लक्षण एक साथ नजर आते हैं.
हाई बीपी होने पर सबसे पहला काम ये करें कि भीड़ से तुरंत अलग हट जाएं. क्योंकि जब बीपी हाई होता है तो भीड़ के कारण घबराहट बढ़ सकती है. साथ ही लोगों की आवाज और ट्रैफिक इत्यादि का शोर ब्रेन पर अतिरिक्त प्रेशर क्रिऐट करता है, जो हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थितियों के कारक बनते हैं.
अब ताजी और खुली हवा में बैठ जाएं या लेट जाएं. एसी या फैन ऑन कर लें और गहरी सांस लें. अपना ध्यान सभी चीजों से हटाकर सिर्फ अपनी सांस पर केंद्रित करने का प्रयास करें.
ध्यान रखें कि गहरी सांस लेते समय नाक से सांस भरें और मुंह से निकालें. ऐसा करने से आपको तनाव मुक्त होने और ब्रीदिंग को नॉर्मल करने में मदद मिलेगी. शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ेगा इससे हार्ट बीट और ब्लड फ्लो जल्दी कंट्रोल होंगे.
सांस लेने में कुछ सहजता होने पर आप एक गिलास ताजा पानी पिएं. पानी गुनगुना भी नहीं होना चाहिए और एकदम ठंडा भी नहीं. रूम टेंप्रेचर पर रखा हुआ पानी पिएं या फिर इसमें थोड़ा-सा ठंडा पानी मिलाकर पिएं ताकि सीने औप पेट में ठंडक आए
यदि आप पहले से हाई बीपी की दवा ले रहे हैं तो उस दवा का सेवन करें. यदि पहली बार इस तरह की समस्या हुई है या अभी तक आपने इस बीमारी का इलाज शुरू नहीं किया है तो अब आप शांति के साथ कम से कम आधा घंटे के लिए लेट जाएं. इसके बाद बिना नमक और शुगर की छाछ पिएं , फीका और ठंडा दूध पिएं या फिर नारियल पानी पिएं और इसके बाद जाकर तुरंत डॉक्टर को जरूर दिखाएं.
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