जब भी हम किसी डॉक्टर के पास शुरुआती जांच के लिए जाते हैं तो डॉक्टर सबसे पहले आपकी आंखें, जीभ और नाखून चेक करता है. उसके बाद ही वह कोई टेस्ट या दवाई शुरू करता है. जैसा कि आपको पता है किसी भी इंसान के यह तीन अंग जीभ, नाखून और आंखे बहुत ज्याजा सेंसेटिव होते हैं इसलिए बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी बीमारी का असर सबसे पहले इसी तीनों पर दिखाई देता है. ‘अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी’ के मुताबिक जब भी शरीर में स्किन कैंसर की शुरुआत होती है तो इसके शुरुआती संकेत नाखूनों पर दिखाई देने लगते हैं. स्किन कैंसर का सबसे खतरनाक रूप मेलोनोमा होता है. जो पैर की उंगलियों के नीचे और उसके आसपास वाले एरिया में देखा जाता है. बुजुर्गों में यह कैंसर काफी ज्यादा पाया जाता है. इसलिए इसकी शुरुआत होते ही ऐसे करें पता.
नाखूनों पर पड़ने वाले काले लाइन
एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के मुताबिक जब हाथ या पैर के अंगूठों के नाखून का रंग बदलकर हल्का काला पड़े लगे या नाखून पर काले लाइन पड़ने लगे तो आप मेलोनोमा कैंसर के शिकार हो गए गैं या हो सकते हैं.
जब हाथ और पैरों की ऊंगलिया नाखून से अलग होने लगे तो यह कैंसर के संकेत हो सकते हैं. जैसे-जैसे नाखून ऊपर उठेगा सफेद किनारा लंबे दिखने लगेगा.
नाखूनों के बीच में दिखाई देते हैं गांठ
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सिर्फ कैंसर के कारण ही नाखूनों में खराबी नहीं होती है. अगर आपका कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर बढ़ा हुआ है तब भी नाखूनों पर कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं. वहीं स्किन कैंसर होने पर नाखूनों के बीच-बीच में गांठ भी दिखाई देते हैं. यह गांठ कई तरह के होते हैं चौड़ा, गहरा, पतला.
नाखूनों पर पड़ने वाले निशान कैसे हैं?
सबसे जरूरी बात यह है कि नाखूनों पर जो निशान पड़ रहे हैं वह असल में कैसे हैं. दूसरी बीमारियों की वजह से भी गांठ पड़ सकते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि छोटी बीमारी और कैंसर जैसी बीमारी के लक्षण में जमीन-आसमान का फर्क रहता है. तो ऐसे में नाखूनों पर पड़ने वाले निशान में भी काफी ज्यादा फर्क रहता है. छोटी बिमारी की वजह से आपके नाखूनों पर गड़बड़ी हो रही है को दवाई लेने के बाद एक टाइम के बाद खत्म हो जाएगी लेकिन कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के दौरान यह निशान जाते नहीं है बल्कि वक्त के साथ और ज्यादा फैलने लगते हैं.
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