काजू, बादाम, अखरोट को सूखा मेवा माना जाता है. यह स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है. काजू, बादाम, अखरोट को डॉक्टर हर दिन डाइट में रखने की सलाह देते हैं. बादाम भी सेहत को फिट रखने के काम आता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बादाम केवल फायदा ही नहीं करता है. अगर सोच समझकर नहीं खाया जाए तो इसके काफी गंभीर नुकसान हो सकते हैं. इसके खाने में जरा सी लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है.
बादाम को हेल्दी ड्राईफ्रूट के तौर पर देखा जाता है. इसमें हेल्दी फैट्स, फाइबर, प्रोटीन, मैगनीशियम, विटामिन-ई, फॉसफोरस और कॉपर भरपूर होता है. बॉडी में जाने के बाद जहां इम्यून सिस्टम को तेजी से बूस्ट करता है. वहीं, चेहरे पर चमक और वजन बढ़ाने काम करता है. सारे बादाम आकार और रंग में एक जैसे ही होते हैं. ऐसे में ये पहचान नहीं की जा सकती है कि कौन सा बादाम सेहत के लिए नुकसान दायक साबित हो सकता है.
सभी बादाम एक जैसे ही होते हैं. ऐसे में उनको देखकर पहचानना मुश्किल होता है कि कौन सा बादाम सही नहीं है. यही बताने जा रहे हैं कि बादाम की सूरत से बेशक न पहचान पाओ कि वह खराब है या नहीं, लेकिन उसको टेस्ट करके उसके बारे में जाना जा सकता है. यदि बादाम थोड़ा मीठा और खाने में स्वादिष्ट है तो उससे नुकसान नहीं होता है. लेकिन यदि कड़वा है तो संभलकर खाने की जरूरत है.
बादाम के कड़वे होने के पीछे एक लॉजिक छिपा हुआ है. दरअसल, जो बादाम कड़वे होते हैं. उनमें Amygdalin का लेवल अधिक होता है. जैसे ही इस तरह के बादाम को खाया जाता है तो यह बॉडी में टूटकर सायनाइड में तब्दील हो सकता है. इसे खाने से जान भी जा सकती है. यदि गलती से कड़वा बादाम खा लिया है तो उसे तुरंत थूक देना चाहिए.
वर्ष 2011 में क्लीनिकल टॉक्सीलॉजी में एक स्टडी पब्लिश हुई थी. इसमें सामने आया था कि कड़वा बादाम खाने से बॉडी मेें साइनाइड बन सकता है. 10 लोगों का ग्रुप बनाकर उनपर टेस्टिंग की गई. जिन लोगों ने कड़वा बादाम खाया. उन्हें तुरंत ही उल्टी, चक्कर आना, भयंकर सिरदर्द और अन्य परेशानी होने लगी. हालांकि उन्हें तुरंत इलाज देकर ठीक किया गया.
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