In this handout photo taken and released by Indian Press Information Bureau (PIB) on April 14, 2020, India's Prime Minister Narendra Modi addresses to the nation during a government-imposed nationwide lockdown as a preventive measure against the COVID-19 coronavirus, in New Delhi. - India's nationwide coronavirus lockdown, the biggest in the world covering 1.3 billion people, will be extended until May 3, Prime Minister Narendra Modi said on April 14. (Photo by Handout / PIB / AFP) / RESTRICTED TO EDITORIAL USE - MANDATORY CREDIT "AFP PHOTO / INDIAN PRESS INFORMATION BUREAU " - NO MARKETING - NO ADVERTISING CAMPAIGNS - DISTRIBUTED AS A SERVICE TO CLIENTS

भारत में अगले पांच-छह साल में ऊर्जा क्षेत्र में 67 अरब डॉलर का निवेश होगा: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि देश में विभिन्न ऊर्जा स्रोतों में गैस की हिस्सेदारी बढ़ाने के लक्ष्य से अगले पांच से छह वर्ष में इस क्षेत्र में 67 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने यहां भारत ऊर्जा सप्ताह के दूसरे संस्करण का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 7.5 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ रही है और देश जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

उन्होंने वैश्विक कंपनियों को भारत के ऊर्जा क्षेत्र की वृद्धि का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि 2030 तक देश की अपनी रिफाइनिंग क्षमता 25.4 करोड़ टन वार्षिक से बढ़कर 45 करोड़ टन पर पहुंचने की उम्मीद है।

अपनी सरकार के बुनियादी ढांचे पर जोर का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में बुनियादी ढांचे के लिए जो 11 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, उसका एक बड़ा हिस्सा ऊर्जा क्षेत्र में जाएगा।

उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल रेलवे, रोडवेज, जलमार्ग, वायुमार्ग या आवास आदि के निर्माण में किया जाएगा जिसके लिए ऊर्जा की आवश्यकता होगी, जिससे भारत को अपनी ऊर्जा क्षमता बढ़ाने के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने कहा, ”सरकार के सुधारों की वजह से घरेलू गैस का उत्पादन बढ़ रहा है। देश विभिन्न ऊर्जा स्रोतों में गैस की हिस्सेदारी वर्तमान छह प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत तक ले जाने का प्रयास कर रहा है।”

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ऊर्जा सप्ताह 2024 ऐसे समय में हो रहा है जब भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में 7.5 प्रतिशत को पार कर गई।

उन्होंने कहा कि वृद्धि की गति वैश्विक अनुमान से अधिक है जिससे भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने भविष्य में इसी तरह के वृद्धि रुझानों के अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुमान का भी जिक्र किया।

मोदी ने कहा, ”दुनियाभर के आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने भारत की विकास गाथा में ऊर्जा क्षेत्र के विस्तार के दायरे पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग वाली अर्थव्यवस्था और पुन: उपयोग की अवधारणा के भारत की प्राचीन परंपराओं का हिस्सा होने की बात को रेखांकित करते हुए कहा कि यही बात ऊर्जा क्षेत्र पर भी लागू होती है।

उन्होंने कहा कि यह विचार ‘ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस’ का प्रतीक है जो दुनियाभर की सरकारों, संगठनों और उद्योगों को एक मंच पर लाता है।

मोदी ने जैव ईंधन क्षेत्र में भारत की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पेट्रोल में एथनॉल मिलाने की मात्रा पिछले 10 वर्षों में 1.5 प्रतिशत से बढ़कर 12 प्रतिशत हो गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने इसे 2025 तक 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है।”

प्रधानमंत्री ने 2070 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को एक बार फिर दोहराया।

उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता के मामले में दुनिया में चौथे स्थान पर है। भारत की स्थापित ऊर्जा क्षमता का करीब 40 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन से आता।”

सौर ऊर्जा में देश की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दशक में भारत की सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता 20 गुना बढ़ी है।”

उन्होंने कहा कि भारत में सौर ऊर्जा से जुड़ने का अभियान जोर पकड़ रहा है।

मोदी ने कहा कि देश में एक करोड़ मकानों में सौर ‘रूफटॉप पैनल’ स्थापित करने के उद्देश्य से एक प्रमुख मिशन की शुरुआत न केवल एक करोड़ परिवारों को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि इससे उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को सीधे ‘ग्रिड’ में पहुंचाने के लिए तंत्र भी स्थापित करेगी।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत का हरित ऊर्जा क्षेत्र निवेशकों और उद्योगों दोनों को निश्चित विजेता बना सकता है।

भारत ऊर्जा सप्ताह कार्यक्रम ऊर्जा क्षेत्र में वैश्विक सहयोग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री ने ओएनजीसी सी सर्वाइवल सेंटर का भी उद्घाटन किया। इस केंद्र में हर साल 10,000 से 15,000 कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

– एजेंसी