एक कंजूस सेठ था, जो अपने बच्चों को बंद घी के डब्बे से रगड़ रगड़ कर खाना खिलाता था.
एक दिन वह सेठ उस डब्बे को अलमारी में बंद कर बाहर चला गया. रात को घर आकर पुछा..
कंजूस सेठ: बच्चों खाना लिया तुम लोगो ने.
बच्चे: हा पापा! हमने खा लिया.
कंजूस सेठ: पर घी का डब्बा तो अलमारी में बंद था.
बच्चे: पिताजी आज हमने रोटीयां अलमारी के हेंडल से रगड़ कर खा ली.
कंजूस सेठ: नालायको तुम एक दिन भी घी के बिना नहीं रह सकते.😜😂😂😂😛🤣
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रिंकू: पापा मैं जीवन में आगे बढ़ने के लिए क्या करूँ?
पापा: एक पत्थर उठा और पहले अपना फ़ोन तोड़.😜😂😂😂😛🤣
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रिंकू रोज अपने गणित के टीचर के घर फ़ोन करता हैं?
हमेशा उनकी पत्नी फ़ोन उठाती हैं और कहती हैं – कितनी बार बताया तुमको कि वो मर चुके हैं. बार बार फ़ोन क्यों करते हों?
रिंकू, सुनकर अच्छा लगता हैं.😜😂😂😂😛🤣
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किसी ने बताया था कि चावल को उबालकर फेस पर लगाने से गौरे हो जाते हैं.
सत्यानाश हो उसका यह नहीं बताया था कि ठन्डे करके लगाने हैं.😜😂😂😂😛🤣
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रिंकू एक बारात में गया था.
रिंकू को बार बार पानी परोस दिया जाता था.
परेशांन होकर रिंकू बोला गले में पानी अटक गया हैं कोई रसगुल्ला दे दो.😜😂😂😂😛🤣