“इस बेदर्द दुनिया में तो न्याय जैसी चीज कहीं नहीं है” राहुल ने अपने मित्र से अपना दुखड़ा रोया.
“तुम ऐसा कैसे कह सकते हो” – मित्र ने प्रतिवाद किया.
“एक समय मैं 70 किलो का सींकिया पहलवान हुआ करता था तो जब मैं बीच पर जाता था तो 120 किलो का एक पहलवान मेरे चेहरे पर रेत उड़ा कर मेरा मजाक उड़ाता था. तो मैंने जिम ज्वाइन किया, वेट लिफ़्टिंग की और देखते ही देखते 130 किलो का पहलवान बन गया.”
“अरे वाह, फिर क्या बात हुई?” मित्र ने पूछा.
“बात हुई क्या खाक, अब जब मैं अपनी प्रेमिका के साथ बीच पर जाता हूँ तो 170 किलो का पहलवान मेरे चेहरे पर रेत फेंक कर मेरा मजाक उड़ाता है”😜😂😂😂😛🤣
******************************************************************
“डोरोथी, तुम्हारा प्रेमी राहुल तो बड़ा शर्मीला है…” माँ ने अपनी बेटी से कहा.
“शर्मीला? शायद आपको गलतफहमी हो गई है. मेरा अनुभव तो इसके ठीक विपरीत है माँ” – बेटी ने जवाब दिया.😜😂😂😂😛🤣