जामा नेटवर्क ओपन में इस हफ्ते एक स्टडी पब्लिश की गई है. इस स्टडी में कहा गया है कि 50 साल या उससे कम उम्र के लोगों के बीच 2010 से 2019 में शुरुआती कैंसर के मामले ज्यादा देखने को मिले हैं. इस अवधि के दौरान सबसे ज्यादा तेजी से विस्तार करने वाला कैंसर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर रहा है, जो 14.80 प्रतिशत तक बढ़ा. इसके बाद एंडोक्राइन कैंसर रहा, जो 8.69 प्रतिशत तक देखा गया. इसके बाद जिस कैंसर का सबसे ज्यादा प्रकोप देखा गया, वो ब्रेस्ट कैंसर (7.7 प्रतिशत) रहा.
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल का कैंसर पाचन तंत्र में किसी भी जगह पर पैदा हो सकता है, जैसे- इसोफेगस,पेट, छोटी आंत, कोलन, पेनक्रियाज, गॉल ब्लैडर, बाइल डक्ट, लिवर, रेक्टम और एनस शामिल हैं. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर का तेजी से विस्तार होने के बावजूद, साल 2019 में 50 और इससे कम एजग्रुप के लोगों में ब्रेस्ट कैंसर के केस सबसे ज्यादा देखे गए. नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के नेतृत्व में कुछ रिसर्चर्स के एक ग्रुप ने 2010 (1 जनवरी) से 2019 (31 दिसंबर) तक 17 नेशनल कैंसर रजिस्ट्रियों के डेटा का अच्छे से एनालिसिस किया.
क्यों बढ़ रहा कैंसर का रिस्क?
रिसर्चर्स ने पाया कि शुरुआती कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी के कई कारण रहे, जिनमें मोटापा, स्मोकिंग, खराब स्लीप पैटर्न, जीरो फिजिकल एक्टिविटी, गैसोलीन, माइक्रोबायोटा और कार्सिनोजेनिक कंपाउंड्स का रिस्क आदि शामिल हैं. फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इस अध्ययन की सबसे चिंताजनक बात यह रही कि युवाओं में कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं और ऐसा खराब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खानपान की आदतों को अपनाने की वजह से हो रहा है. मोटापा, शराब, तंबाकू बेकार लाइफस्टाइल, पर्याप्त आराम की कमी, नींद की कमी ये सभी दिक्कतें कोविड महामारी के दौरान काफी बढ़ गई थीं.
लाइफस्टाइल को बेहतर बनाने की करें कोशिश
वहीं, ब्रेस्ट और महिलाओं से जुड़े कैंसर के मामले 30-39 साल की महिलाओं में सबसे ज्यादा देखे गए. यह अध्ययन साल 2010 से 2019 के बीच किया गया था. ये अध्ययन खानपान की खराब आदतों में सुधार करने, लाइफस्टाइल को बेहतर बनाने, फिजिकल एक्टिविटी को महत्व देने पर जोर देता है.
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