हीरा हमेशा से शान और अमीरी की पहचान माना जाता था, लेकिन इसकी ऊंची कीमतों की वजह से हर कोई इसे खरीदने का सपना नहीं देख सकता था। अब यह सपना साकार हो रहा है! लैब में तैयार होने वाले हीरे (लैब-ग्रोथ डायमंड्स) असली हीरों की तरह ही चमकदार, टिकाऊ और खूबसूरत होते हैं, लेकिन सस्ते और पर्यावरण के लिए बेहतर हैं। इस क्रांति की वजह से अब आम लोग भी बिना ज्यादा पैसे खर्च किए हीरों के मालिक बन सकते हैं। भारत इस बदलाव में सबसे आगे रहेगा या नहीं? आइए जानते हैं!
भारत में लैब-ग्रोथ डायमंड्स का बढ़ता क्रेज
भारत में लैब-ग्रोथ डायमंड्स बनाने वाले स्टार्टअप्स तेजी से उभर रहे हैं। ये कंपनियां ग्राहकों को किफायती और ईको-फ्रेंडली हीरे उपलब्ध करा रही हैं, जिससे युवा और मध्यम वर्ग के लोग इन्हें ज्यादा पसंद कर रहे हैं। हालांकि, इस बाजार में पहले से बड़े ब्रांड्स मौजूद हैं, लेकिन अभी तक कोई भी पूरी तरह से हावी नहीं हो पाया है। इसलिए, नई कंपनियों के पास अपने ब्रांड को मजबूत करने और बाजार में अपनी जगह बनाने का बेहतरीन मौका है।
Jewelbox की सफलता: Shark Tank से बाजार तक
कोलकाता स्थित स्टार्टअप Jewelbox इस क्षेत्र में तेजी से अपनी पहचान बना रहा है। Shark Tank India में निवेश मिलने के बाद इसे बड़ी पहचान मिली। कंपनी की सह-संस्थापक विदिता कोचर के अनुसार, भारत में लैब-ग्रोथ डायमंड्स का बाजार अभी शुरुआती दौर में है, इसलिए लोगों को इसके बारे में जागरूक करने की जरूरत है।
Jewelbox फिलहाल 6 शहरों में 8 स्टोर चला रहा है और अगले साल के अंत तक 25 और स्टोर खोलने की योजना बना रहा है। दिलचस्प बात यह है कि इसके कुल ऑर्डर्स का 40% ऑनलाइन आता है, जिससे पता चलता है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इसकी भारी मांग है।
नए स्टार्टअप्स की एंट्री, बढ़ती प्रतिस्पर्धा
लैब-ग्रोथ डायमंड्स के बढ़ते क्रेज को देखते हुए कई अन्य स्टार्टअप्स भी इस सेक्टर में प्रवेश कर रहे हैं। इनमें मुंबई की Limelight Diamonds, Fiona Diamonds, Wondr Diamonds, Truecarat Diamonds, Aupulent Jewellery और Aukera Jewellery जैसे ब्रांड शामिल हैं।
Tracxn के डेटा के अनुसार, भारत में 37 लैब-ग्रोथ डायमंड स्टार्टअप्स हैं, जो किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे ज्यादा हैं। इसके अलावा, पारंपरिक आभूषण कंपनियां भी इस सेक्टर में निवेश कर रही हैं। हाल ही में Augmont ने 100 करोड़ रुपये का निवेश कर Akoirah नामक ब्रांड लॉन्च किया है।
कीमतों में गिरावट: अवसर या चुनौती?
इस उद्योग के सामने कुछ चुनौतियां भी हैं। पिछले एक साल में लैब-ग्रोथ डायमंड्स की कीमतों में 25-30% तक की गिरावट आई है क्योंकि इन्हें बनाना पहले से सस्ता हो गया है। भविष्य में टेक्नोलॉजी के और उन्नत होने से कीमतें और भी कम हो सकती हैं।
👉 इससे कंपनियों का मुनाफा घट सकता है, लेकिन ज्यादा लोगों के लिए हीरे खरीदना आसान हो जाएगा।
👉 विशेषज्ञों का मानना है कि टिके रहने के लिए कंपनियों को ब्रांडिंग मजबूत करनी होगी और बिक्री को 7-8 गुना तक बढ़ाना होगा।
निष्कर्ष
भारत में लैब-ग्रोथ डायमंड्स का बाजार तेजी से बढ़ रहा है और आने वाले समय में यह और भी बड़े अवसर लेकर आएगा। जिन कंपनियों को सही रणनीति अपनाने आती है, वे इस इंडस्ट्री में लंबे समय तक टिक पाएंगी।
यह भी पढ़ें:
हाई बीपी सिर्फ हार्ट ही नहीं, लिवर को भी कर सकता है डैमेज! जानें कैसे बचें