सरकार ने पुलिस को प्राइवेट फोर्स बना डाला- राज्यवर्धन सिंहराठौड़

झुंझुनूं (एजेंसी/वार्ता): पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने आरोप लगाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी कुर्सी बचाने के चक्कर में पुलिस को प्राइवेट पुलिस फोर्स बना डाला है। राठौड़ ने झुंझुनूं सर्किट हाउस में आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यही कारण है कि अपराधों में राजस्थान नंबर वन बन गया है। पुलिस मंत्रियों की रक्षा के लिए, विधायकों एवं मंत्रियों की इंटेलिजेंस के लिए लगी हुई है।

उन्होंने अपना काम छोड़ दिया और गहलोत साहब की कुर्सी बचाने के काम में लग गई है। उन्होंने कहा कि यह गलती पुलिस की नहीं है। बल्कि नेतृत्व की है।उन्होंने कहा कि जो कांफिडेंस गहलोत में पहले था। इतने सालों में उन्होंने जो काम किया। वो सब धरा रह गया। गहलोत साहब ने सब साफ कर दिया है और वापिस जहां से शुरू हुए वहीं पहुंच गए है। जादू कभी भी अपने स्वार्थ के लिए नहीं होता। अपनी कुर्सी बचाने के चक्कर में पूरे राजस्थान को लुटा दिया।

विधायकों को अपने अपने क्षेत्र में लूट खसौट की खुली छूट दे रखी है। उन्होंने कहा कि चुनावों में एक साल का समय है। वर्तमान हालातों के मद्देनजर चुनाव उससे पहले कभी भी हो सकते है। इसलिए भाजपा पूरी तैयारी में है। जिसके मन में भारत सबसे पहले है। जिसके मन में राजस्थान है। वो सब मैदान में उतरेंगे और इस कांग्रेस सरकार के छक्के छुड़ाएंगे। राठौड़ ने कहा कि जिस पार्टी को सत्ता में आने के बाद जनता की देखभाल करनी थी। जिसे विकास की जिम्मेदारी मिली थी। उसने सभी को दरकिनार कर दिया और चार साल की इस राजनीति में उन्होंने एक भद्दा उदाहरण पेश किया है। जिसमें स्वार्थ एवं लूटपाट की राजनीति दी है। जनता को पूरी तरह दरकिनार किया है। युवाओं के साथ धोखा किया।

उन्होंने बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया। 15 पेपर लीक हुए। महिलाओं के साथ धोखा किया। उन्हें सुरक्षित नहीं रख सके। आज राजस्थान पूरे देश में दुष्कर्म के मामलों में नंबर वन है। किसानों को धोखा दिया। ना तो उनका ऋण माफ किया। ना उनकी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद सके। ना ही उन्हें समय पर यूरिया उपलब्ध करवा पाए। पीने के पानी की बात करे। तो इसकी व्यवस्था करने में भी राजस्थान पूरे देश में सबसे निचले पायदान पर है।

उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार ने राजस्थान को घर-घर पीने का पानी मुहैया कराने के लिए 26 हजार करोड़ रूपए दिए। लेकिन यह सरकार महज चार हजार करोड़ रूपए ही खर्च कर पाई।

-एजेंसी/वार्ता

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