सिनेमा बंदी’ फिल्म एक ऑटो ड्राइवर के जीवन पर आधारित है

पणजी (एजेंसी/वार्ता) निर्देशक प्रवीण कंद्रेगुला ने कहा कि ‘सिनेमा बंदी’ फिल्म का हर पहलू मौलिक है पटकथा लिखने से लेकर निर्माता को विचार देने तक, फिर अभिनेताओं की कास्टिंग करने और स्थानों आदि को खोजने तक सारी चीज़ें मौलिक हैं नेटफिल्क्स पर प्रीमियर की गई यह हास्य फिल्म दो सप्ताह से नंबर एक पर चल रही है

यह फिल्म दर्शको एक ऑटो ड्राइवर से सिनेमावाला तक की यात्रा की दिल को छू लेने वाली कहानी से बांधे रखेगी।भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के 53वें संस्करण में सोमवार को आयोजित आईएफएफआई ‘वार्ता सत्र’ में फिल्म सिनेमा बंदी के निर्माता प्रवीण कंद्रेगुला ने कहा यह फिल्म स्वतंत्र सिनेमा के लिए एक भावभीनी श्रद्धांजलि है

जिसे आमतौर पर दिल से बनाया जाता है मैं अपने करियर की शुरुआती स्वतंत्र को फिर से जीना चाहता था और पहली भावना को फिर से अनुभव करना चाहता था निर्माता प्रवीण कंद्रेगुला ने बताया कि इस फिल्म को एक उचित स्टूडियो और जाने-माने अभिनेताओं के बिना बनाने का एकमात्र कारण इसकी प्रामाणिक कहानी और अभिनय है

उन्होंने कहा, फिल्म वास्तव में एक अच्छी मनोरंजक फिल्म बनती, लेकिन मौलिकता और प्रामाणिकता ने इसे अद्वितीय बना दिया। निर्देशक ने कहा कि आईएफएफआई फिल्म निर्माताओं के लिए अन्य फिल्म निर्माताओं के साथ बातचीत करने और उनके विचारों को पेश करने के लिए देश में सबसे अच्छा मंच है।

निर्माता कंद्रेगुला ने कहा कि हर व्यक्ति दिल से एक फिल्म निर्माता है और कोई भी फिल्म बना सकता है, अगर वे इसके लिए अपनी इच्छा रखते हैं उन्होंने कहा कि इस फिल्म में कलाकारों के पात्रों का मूल और ग्रामीण चित्रण दर्शकों के चेहरे पर मुस्कुराहट ला देगा इस फिल्म की शूटिंग कर्नाटक के मुल्बगल तालुक गांव में की गई।

पटकथा लेखक वसंत मारिगंती ने बताया कि इस गांव में केवल 20 से 25 घर हैं और यह अलग-अलग तथा स्वच्छ हैं, जो उनके लिए किसी फिल्म के एक सेट की तरह ही था और शूट करने के लिए यह वातावरण बहुत सुविधाजनक और कहानी के लिए उपयुक्त था। निर्देशक कंद्रेगुला ने कहा कि ‘सिनेमा बंदी’ फिल्म में इस गांव के एक गरीब और संघर्षरत ऑटो चालक वीराबाबू को अपने ऑटो में किसी का छूटा हुआ एक महंगा कैमरा मिलता है।

गांव का इकलौता वेडिंग फोटोग्राफर गणपति उन्हें बताता है कि यह कैमरा ठीक वैसा ही है, जिसका उपयोग सुपरस्टारों की ब्लॉकबस्टर फिल्में बनाने के लिए किया जाता है इसके बाद उत्साही वीराबाबू ने ‘सुपरस्टार’ कैमरे के साथ एक ब्लॉकबस्टर फिल्म बनाने और पूरे गांव को कास्ट (अभिनय के लिए भूमिका देना) करने का निर्णय करते हैं इसके लिए वे फोटोग्राफर की सहायता लेते हैं। इस तरह एक ऑटोवाला से सिनेमावाला तक की उनकी यात्रा की शुरुआत होती है।

एजेंसी/वार्ता

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