राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों के निलंबन पर मंगलवार को चिंता जताते हुए कहा कि संसद में जो कुछ भी हो रहा है वह पूरे देश के लिए चिंता का विषय है।
गहलोत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ”संसद में जो कुछ हो रहा है उससे पूरा देश चिंतित है। इनको (केंद्र सरकार) घमंड नहीं करना चाहिए… 24 (2024) के चुनाव भी आ रहे हैं… इनका एजेंडा सबको मालूम है।” उन्होंने कहा, ”जिस तरह ये विपक्ष के साथ व्यवहार कर रहे हैं वह किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है। यह कोई दुश्मनी का खेल नहीं है राजनीति है। लोकतंत्र में लड़ाई विचारधारा और सिद्धांतों की होती है।”
गहलोत ने कहा कि सदन में विरोध आम बात नहीं है और तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विरोध के कारण 12-12 दिन सदन नहीं चल पाता था।
बार बार सदन स्थगित होता उसके बाद अध्यक्ष के चैंबर में बैठक कर गतिरोध खत्म करने का प्रयास किया जाता।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष की मांग है कि संसद की सुरक्षा में सेंध पर गृहमंत्री सदन में बयान दें।
गहलोत ने कहा कि भाजपा ने राज्य में चुनाव प्रचार अभियान का ध्रुवीकरण कर विधानसभा चुनाव जीता, जबकि कांग्रेस विकास के एजेंडे पर चुनाव चाहती थी।
– एजेंसी