‘नोटबुक (Notebook)’ में अपने हुस्न और बेहतरीन एक्टिंग (Acting) का जलवा दिखाने वाली फरहाना भट्ट का नाम आज फिल्म इंडस्ट्री (Film Industry) की बहुत ही सफल अभिनेत्रियों (Actresses) में लिया जाता है लेकिन उनके बहुत ही कम फैंस को ये बात पता होगी कि फरहाना ने एक्ट्रेस बनने के लिए काफी संघर्ष किया.
कश्मीर से करती बिलांग
द न्यूज नॉउ (The News Now) को दिए अपने इंटरव्यू में फरहाना भट्ट ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि ‘ये एक ऐसी जगह है जहां पर जब कोई लड़की पेन्सिल लेने भी निकलती हैं तो उसे कैरेक्टरलेस कहा जाता है और ऐसे छोटे शहर से निकलकर एक एक्ट्रेस बनना सच में बहुत बड़ी बात है.
रिश्तेदारों के सुने ताने
अपनी बात को आगे बताते हुए फरहाना भट्ट ने आगे कहा कि ‘मैं अक्सर छुप-छुपकर फिल्मों में काम करने के लिए ऑडिशन दिया करती थी और कई बार मैने रिजेक्शन देखा और जब मैने ऑडिशन के लिए सही से तैयारियां शुरू कि तो मेरे रिलेटिव्स ने मुझे ताने दिए और उस वक्त मेरी आखों में आंसू तक आ गए थे.’
परेशानी में रहा बचपन
फरहाना भट्ट ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि ‘मैने अपने पापा को कभी नहीं देखा क्योंकि मेरे पापा ने मेरे जन्म से तीन महीने पहले ही मेरी मां को छोड़ दिया था और उसके 6 महीने बाद तलाक ले लिया और मेरी मां को मेरी देखभाल के लिए नौकरी करनी पड़ी और इसी की वजह से मेरा बचपन काफी गरीबी में बीता.
मिल गई मंजिल
अपनी बात एक्सप्लेन करते हुए फरहाना भट्ट (Farhana Bhatt) ने आगे कहा कि ‘जब मेरा कई बार रिजेक्शन हो गया तो उसके बाद आखिरकार मुझे ‘लैला मजनू (Laila Majnu)’ में ‘जसमीत’ का रोल मिल गया
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