तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने मंगलवार को आरोप लगाया कि यह कांग्रेस पार्टी थी जिसने संसदीय चुनाव (1950 के दशक में) में डॉ बी आर आंबेडकर को हराया था तथा उनकी पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) दलितों के कल्याण के लिए खड़ी है।
राव ने यहां एक चुनावी रैली में कहा कि यह उनकी सरकार थी जिसने राजधानी हैदराबाद में राज्य सचिवालय के पास आंबेडकर की दुनिया की सबसे ऊंची 125 फुट की प्रतिमा स्थापित की और अनुसूचित जाति के उत्थान के लिए दलित बंधु जैसी योजनाएं भी शुरू कीं।
केसीआर ने पार्टी उम्मीदवारों के लिए वोट मांगते हुए लोगों से कहा कि वे अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने से पहले राजनीतिक दलों के कार्य निष्पादन रिकॉर्ड से अवगत रहें, क्योंकि वोट अगले पांच वर्षों के भाग्य का फैसला करेगा।
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘दलितों को (अन्य दलों द्वारा) वोट-बैंक के रूप में इस्तेमाल किया गया। बीआरएस सरकार तब तक काम करेगी जब तक कि अंतिम दलित परिवार को दलित बंधु का लाभ नहीं मिल जाता। आंबेडकर ने दलितों के लिए बहुत संघर्ष किया। यह कांग्रेस पार्टी ही थी जिसने (पहले) संसदीय चुनावों में उनकी हार सुनिश्चित की थी। संसदीय चुनाव में आंबेडकर को किसने हराया, इसका इतिहास आपको जानना चाहिए। कांग्रेस पार्टी ने उन्हें हराया और उनकी विचारधारा को लागू नहीं किया।’’
भाजपा पर हमला करते हुए राव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार हवाई अड्डों, बंदरगाहों, रेलवे और कोयला खदानों को भी बेच रही है। राव ने कहा कि यह उनकी सरकार थी जिसने एससीसीएल के मुनाफे को बढ़ाया। जनसभा में ज्यादातर सिंगरेनी कोइलीरीज कंपनी लिमिटेड के श्रमिक और कर्मचारी शामिल थे।
राव ने आरोप लगाया, ‘‘यह अक्षम और बेकार कांग्रेस सरकार (पूर्ववर्ती) कंपनी (एससीसीएल) को चलाने में असमर्थ थी। इसने (तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने) केंद्र से ऋण लिया और चूंकि यह ऋण चुका नहीं सकी, इसलिए उन्होंने 49 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र को बेच दी। आप लोगों को पूछना चाहिए कि केंद्र को 49 प्रतिशत हिस्सेदारी किसने दी।’’ उन्होंने कहा कि बीआरएस पार्टी का गठन तेलंगाना राज्य का दर्जा हासिल करने और जनादेश मिलने पर इसका विकास करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ हुआ था।
– एजेंसी