वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि सरकार ने ‘लखपति दीदी’ बनाने का लक्ष्य दो करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ करने का फैसला किया है।
‘लखपति दीदी’ योजना का उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में महिलाओं को प्रशिक्षण देना है ताकि वे प्रति वर्ष कम से कम एक लाख रुपये की स्थायी आय अर्जित कर सकें।
संसद में अंतरिम बजट 2024-25 पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि नौ करोड़ महिलाओं वाले 83 लाख स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के साथ ग्रामीण सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बदल रहे हैं।
उन्होंने कहा, ”नौ करोड़ महिलाओं के साथ 83 लाख एसएचजी सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के साथ ग्रामीण सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बदल रहे हैं। उनकी सफलता ने पहले ही लगभग एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनने में मदद की है। वे दूसरों के लिए प्रेरणा हैं।”
सीतारमण ने कहा, ”उन्हें सम्मानित करके उनकी उपलब्धियों को मान्यता दी जाएगी। सफलता से उत्साहित होकर, लखपति दीदी के लक्ष्य को दो करोड़ से बढ़ाकर अब तीन करोड़ करने का निर्णय लिया गया है।”
– एजेंसी