चेन्नई (एजेंसी/वार्ता): तमिलनाडु सरकार जलवायु परिवर्तन मिशन के तहत कार्बन उर्त्सजन में कमी लाने के लिए जलवायु के प्रति संवेदनशील जिलों में क्षेत्रों को प्राथमिकता, तटों की सुरक्षा, मिट्टी के कटाव में कमी, लवणता नियंत्रण और जैव विविधता सहित राज्य में जलवायु कार्य योजना का कार्यान्वयन करेगी।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सोमवार को यहां आयोजित तमिलनाडु जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन-2022 में पेश किये गये तमिलनाडु क्लाइमेट चेंज मिशन डॉक्युमेंट में यह बात कही। स्टालिन ने कहा कि मिशन के तहत सूखे के समाधान के लिए प्रस्तावित गतिविधियों में पाल्मीराह और काजू का पौधारोपण करना है जिससे तटों का संरक्षण होगा। अभियान के जरिए मैंग्रोव तटीय रक्षा को बढ़ाने, राज्य के तटों पर कमजोर पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान और टिकाऊ तटीय सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
दस्तावेज में कहा गया है कि मिशन के तहत बेहतर मृदा कार्बन प्रच्छादन, मृदा कार्बन को बहाल करना, जल धारण क्षमता में वृद्धि और पोषक तत्वों की उपलब्धता में वृद्धि, पौधों की वृद्धि और सूक्ष्मजीवों के लिए फायदेमंद और बायोमाइनिंग के बाद भूमि का सुधार, बेहतर ऊर्जा दक्षता प्रौद्योगिकियां जो जीएचजी उत्सर्जन को कम करेंगी, निर्माण क्षेत्र में कुशल प्रौद्योगिकियां, इमारतों में ऊर्जा दक्षता को सुविधाजनक बनाने के लिए नीतियों को निर्धारित करने और लागू करने के लिए अवधारणात्मक दृष्टिकोण, जलवायु खतरों की बेहतर समझ, जल संसाधनों में जलवायु परिवर्तनशीलता के अनुकूलन दृष्टिकोण का एकीकरण,वन, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में लचीली फसल प्रथाओं, ऊर्जा कुशल हस्तक्षेपों और तमिलनाडु के गांवों में हरित आवरण में वृद्धि, बेहतर समन्वय, प्रभावी निगरानी और जलवायु परियोजनाओं का पर्यवेक्षण करना शामिल है।
दस्तावेज़ में कहा गया है कि ये पायलट परियोजना सांस्कृतिक और विरासत मूल्य की इमारतों को जलवायु के अनुकूल बनाने के लिए अपनाए जाने वाले महत्वपूर्ण उपायों पर प्रकाश डालेगी।
-एजेंसी/वार्ता
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