गर्भावस्था के दौरान पैरासिटामोल (एसिटामिनोफेन) को अब तक सुरक्षित दवा माना जाता था, लेकिन हाल ही में एक नए अध्ययन में इसके गंभीर दुष्प्रभाव सामने आए हैं। शोध में पाया गया है कि गर्भवती महिलाओं द्वारा पैरासिटामोल लेने से शिशु में ADHD (अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर) विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है।
क्या कहता है शोध?
🌍 अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययन में यह सामने आया है कि जो महिलाएं गर्भावस्था के दौरान पैरासिटामोल का अधिक सेवन करती हैं, उनके बच्चों के मानसिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
🔍 स्टडी के मुताबिक, इन बच्चों में अटेंशन, स्थिरता और व्यवहारिक समस्याएं पाई गईं, जो ADHD जैसी न्यूरोलॉजिकल समस्या से जुड़ी होती हैं।
प्रेग्नेंसी में क्यों ली जाती है पैरासिटामोल?
गर्भावस्था के दौरान सर्दी, बुखार, सिरदर्द या दर्द होने पर डॉक्टर्स अक्सर पैरासिटामोल लेने की सलाह देते हैं। यह दुनिया में सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली दवा है, लेकिन अब नई रिसर्च ने इसके संभावित खतरों को उजागर किया है।
ADHD क्या है?
➡ ADHD (Attention Deficit Hyperactivity Disorder) एक न्यूरोडेवलपमेंटल डिसऑर्डर है, जो बचपन में ही शुरू हो जाता है और लंबे समय तक बना रहता है।
🧠 इस डिसऑर्डर के कारण बच्चे में –
✔ ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
✔ अत्यधिक सक्रियता
✔ बिना सोचे-समझे काम करने की प्रवृत्ति
✔ व्यवहार में अस्थिरता जैसी समस्याएं देखी जा सकती हैं।
विशेषज्ञों की राय – क्या करें गर्भवती महिलाएं?
💡 कनाडा की प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञों की सोसाइटी और मातृ-भ्रूण चिकित्सा सोसाइटी ने गर्भवती महिलाओं पर अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला कि पैरासिटामोल शिशु के मस्तिष्क के विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
👩⚕ एक्सपर्ट्स की सलाह:
✔ बिना डॉक्टर की सलाह के पैरासिटामोल या कोई भी दर्द निवारक दवा न लें।
✔ प्रेग्नेंसी में स्वस्थ आहार, पर्याप्त नींद और हल्की एक्सरसाइज को प्राथमिकता दें।
✔ यदि बुखार, सिरदर्द या दर्द हो, तो प्राकृतिक उपचार या डॉक्टर द्वारा सुझाए गए सुरक्षित विकल्प अपनाएं।
क्या करें?
गर्भवती महिलाओं को बिना डॉक्टरी सलाह के पैरासिटामोल लेने से बचना चाहिए। यदि कोई परेशानी हो तो डॉक्टर से परामर्श लेना ही सबसे सुरक्षित विकल्प होगा।
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