बारिश का मौसम जहां एक ओर ठंडक और सुकून लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर यह आंखों से जुड़ी कई परेशानियों का भी कारण बन सकता है। आंखें हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण अंग होती हैं, और थोड़ी सी भी लापरवाही गंभीर संक्रमण का कारण बन सकती है।
इस मौसम में हवा में नमी, गंदगी और वायरस के ज़रिए आंखों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जिससे लालपन, जलन, सूजन और पानी आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आइए जानते हैं — मॉनसून में किन आंखों की बीमारियों से सतर्क रहना चाहिए और उनसे कैसे बचा जा सकता है।
🔍 आंखों में संक्रमण के आम लक्षण:
आंखों का लाल होना
जलन और चुभन महसूस होना
पलकों को छूने पर दर्द होना
आंखों से पीले या हरे रंग का स्राव आना
दृष्टि धुंधली होना
आंखों के पास पपड़ी जमना
लगातार पानी बहना
🌧️ मॉनसून में होने वाली आम आंखों की समस्याएं:
1. वायरल इंफेक्शन
बारिश के मौसम में आंखों की बाहरी परत (कंजंक्टिवा) वायरस से संक्रमित हो सकती है। यह संक्रमण अक्सर एडेनोवायरस, हर्पीज सिम्प्लेक्स या एंटरोवायरस से होता है। इसमें आंखें लाल, सूजी हुई और जलन से भरी हो सकती हैं।
2. बैक्टीरियल इंफेक्शन
इस मौसम में गंदे पानी या हाथों से आंखें छूने से बैक्टीरिया से संक्रमण फैल सकता है। यह संक्रमण एक या दोनों आंखों में सूजन, मवाद और तेज दर्द का कारण बनता है।
3. कंजंक्टिवाइटिस (आंख आना)
सबसे आम समस्या जो बारिश के मौसम में तेजी से फैलती है। यह वायरल या बैक्टीरियल दोनों प्रकार की हो सकती है। इसमें आंखों में तेज जलन, लालिमा, सूजन और दर्द होता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे में छूने से फैल सकता है।
🛡️ आंखों को संक्रमण से बचाने के उपाय:
हाथों को बार-बार साबुन से धोएं, खासकर जब आप बाहर से आए हों।
आंखों को हाथ से न छूएं, न ही रगड़ें।
अपना रुमाल, तौलिया या आई ड्रॉप किसी के साथ शेयर न करें।
बाहर जाते समय चश्मा या सनग्लासेस पहनें, ताकि धूल और धूप से आंखें सुरक्षित रहें।
प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं – सही खानपान और पर्याप्त नींद लें।
यह भी पढ़ें:
बच्चों की आंखों में काजल लगाने से हो सकते हैं ये गंभीर नुकसान, जानें क्यों है सावधानी जरूरी