हमारा शरीर हज़ारों नसों (वेन्स) से बना है, जो ब्लड, ऑक्सीजन और पोषक तत्व पूरे शरीर में पहुंचाती हैं। ये नसें हमारी सर्कुलेटरी सिस्टम का हिस्सा होती हैं। लेकिन जब यह सिस्टम सही से काम नहीं करता, तो कई स्वास्थ्य समस्याएं सामने आती हैं। वैरिकोज़ वेन्स ऐसी ही एक बीमारी है, जो मुख्य रूप से पैरों की नसों में होती है।
वैरिकोज़ वेन्स क्या है?
वैरिकोज़ वेन्स में नसें सूज जाती हैं, मोटी, नीली और मुड़ी हुई नजर आती हैं। यह समस्या अधिक समय तक खड़े रहने या लगातार बैठे रहने से होती है। जो लोग ज्यादा हिल-डुल नहीं पाते, वे वैरिकोज़ के खतरे में रहते हैं। विश्व स्तर पर करीब 30 से 40% लोग इससे प्रभावित हैं। भारत में लगभग 16 से 20% महिलाएं और कई पुरुष इस समस्या से जूझ रहे हैं।
वैरिकोज़ वेन्स के कारण और खतरे
नसें मोटी होकर उलझ जाती हैं जिससे दिल तक खून सही से नहीं पहुंच पाता।
हार्ट पर दबाव बढ़ता है और खून की सप्लाई प्रभावित होती है।
यह बिगड़ा हुआ ब्लड सर्कुलेशन हाई बीपी, ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।
वैरिकोज़ वेन्स के लक्षण
नीली, सूजी हुई नसों का दिखाई देना
पैरों में सूजन और भारीपन
मांसपेशियों में ऐंठन
त्वचा पर अल्सर होना
वैरिकोज़ वेन्स की वजह
घंटों बैठकर काम करना
लगातार खड़े रहना
बढ़ती उम्र
मोटापा
फिजिकल एक्टिविटी की कमी
पारिवारिक इतिहास
हार्मोनल बदलाव
वैरिकोज़ वेन्स का इलाज और घरेलू उपाय
कपिंग थेरेपी
लीच थेरेपी
मिट्टी लेप
रश्मि चिकित्सा
मिट्टी के लेप में खास
मुल्तानी मिट्टी
एलोवेरा
हल्दी
कपूर
नीम
गुग्गुल
इन प्राकृतिक सामग्रियों से बने लेप से सूजन कम होती है और दर्द में आराम मिलता है।
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